निर्माता : किशोर लुल्ला, संजय लीला भंसाली
निर्देशक : संजय लीला भंसाली
स्टारकास्ट : रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा, तन्वी आजमी, वैभव ततवावदी, महेश मांजरेकर, मिलिंद सोमन, आयुष टंडन, रजा मुराद, आदित्य पंचोली, यतीन कार्येकर, बेंजामीन गिलाली
संजय लीला भंसाली अपने चाहने वालों का वाकई में बहुत ही ध्यान रखते हैं। वे पहले 'रामलीला' और 'मैरी कॉम' जैसी हिट फिल्में इंडस्ट्री को दे चुके हैं। अब वे बी-टाउन में साल की सबसे ज्यादा बजट मानी जाने वाली फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' लेकर आए हैं। उन्होंने इस फिल्म में निर्देशन की गजब कमान संभाली है और उन्हें भरोसा है कि यह फिल्म भी उनकी पिछली फिल्म की तरह कुछ नया इतिहास करेगी। इसके अलावा उन्होंने इसके जरिए ऑडियंस को अपने अंदाज में रिझाने की दमदार कोशिश भी की है।
कहानी :
फिल्म की कहानी को एनएस इनामदार की ओर से लिखित किताब पर आधारित है, जो नामचीन योद्धा पेशवा बाजीराव बल्लाव के जीवन परिचय से संबंध रखती है। छत्रपति शाहू महाराज (महेश मांजरेकर) के दरबार में पेशवा का निर्णय होना होता है। फिल्म में रणवीर ने ग्रेट मराठा वॉरियर पेशवा बाजीराव का किरदार निभाया है। बाजीराव एक ऐसा शासक है, जो भारत पर अपना साम्राज्य फैलाना चाहता है। प्रियंका ने बाजीराव की पत्नी काशीबाई का जबकि, दीपिका ने बाजीराव की दूसरी पत्नी मस्तानी का रोल प्ले किया है।
फिर राजा छत्रसाल (बेंजामीन गिलाली) की बेटी मस्तानी (दीपिका पादुकोण) अपने बुदेलखंड की आबरू बचाने के लिए बाजीराव के पास अपने अंदाज में आती है, वह बुदेलखंड की रानी होती है। बस, बाजीराव राष्ट्र की सेवा के लिए मस्तानी के प्रतिद्वंद्वियों को पराजित कर देता है और वहीं से मस्तानी और बाजीराव के बीच करीबी बढ़ जाती है।
मस्तानी से मुलाकात के बाद बाजीराव उसका दीवाना हो जाता है। वह मस्तानी से शादी कर उसे पुणे ले कर जाता है। बाजीराव की लाइफ में मस्तानी का इस तरह घुसना शाही पेशवा परिवार को पसंद नहीं आता। बाजीराव की पहली पत्नी काशीबाई मस्तानी के दखल को लेकर परेशान हैं। बाजीराव-मस्तानी-काशीबाई को लेकर एक जबरदस्त लव ट्राएंगल बनता है। इसी के केंद्र में शाही परिवार में शाह-मात का खेल शुरू होता है। पूरी फिल्म इन्हीं तीन किरदारों पर पूरी केंद्रित है।
रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के बीच केमिस्ट्री और बाजीराव जैसे दार्शनिक को बड़े पर्दे पर एक गजब ड्रामे के साथ देखने के लिए आप सिनेमाघरों की ओर रुख कर सकते हैं। यानी फुल एंज्वॉय के लिहाज से आप जा सकते हैं, जिसमें आपको शायद निराश भी न होना पड़े।