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महत्वकांक्षाओं में उलझे ‘ब्रदर्स’ निर्देशक : करण मल्होत्रा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 14 2015 12:39PM | Updated Date: Aug 14 2015 12:52PM
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अक्षय कुमार बॉक्स ऑफिस के पावर हाउस हैं तो सिद्धार्थ मल्होत्रा भविष्य के सितारे और पहले की तरह ही जैकी श्रॉफ भी अपने बेहतरीन दमखम में दिख रहे हैं। करण मल्होत्रा की ‘ब्रदर्स’ में इन सभी सितारों को उनकी भूमिका निभाने का मौका और पर्याप्त जगह मिली है, जिन्होंने अपनी वर्तमान छवि और पेशेवर रूख को बरकरार रखा है और यही फिल्म की एकमात्र चीज है जो फिल्म को सही ठहराता है।

ब्रदर्स एक शोर शराबे से भरपूर, बिछड़ चुके एक परिवार की स्याह एवं त्रासदिक अतीत और फिर इस कड़वाहट से उबरने के संघर्ष की दास्तां के ताने-बाने से बुनी गई हिंसा प्रधान फिल्म है। फिल्म की कहानी के केंद्र में दो सौतेले भाई हैं, जो दुनिया की सबसे खतरनाक मिक्स्ड मार्शल आटर्स लड़ाई का हिस्सा बनते हैं ताकि दोनों पैसा हासिल कर सकें और कर्ज से मुक्त हो सकें।
 
‘ब्रदर्स’ टॉम हार्डी, जोएल एडगर्टन और निक नोल्टे की फिल्म ‘वॉरियर’ की आधिकारिक रिमेक है। ब्रदर्स को भारतीय कहानी की जरूरत के मुताबिक दिखाने के लिए इसकी मूल पटकथा में कई जगह सुविधानुसार फेरबदल की गई है। 2012 में ‘अग्निपथ’ का नया संस्करण बनाकर बॉलीवुड में अपनी पारी शुरू करने वाले निर्देशक करण मल्होत्रा ने ‘ब्रदर्स’ में उम्मीद और एक नए जीवन की तलाश कर रहे तीन पुरूषों के दुखों की दास्तान दिखाई है।
 
उन्होंने फिल्म को हर वर्ग के दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाने के लिए इसकी कहानी में पैनापन और भावुकता का पुट दिया है। मार-धाड़, खून-खराबे के बीच फिल्म में एक दुखी मां (शेफाली शाह), डायलिसिस पर जी रही एक बीमार बेटी, एक प्यार करने वाली बीवी (जैकलीन फर्नांडीज) और स्कूली बच्चे होते हैं, जो इस खतरनाक एमएमए प्रतिस्पर्धा के दौरान रिंग में उतरने के लिए अपने गुरू का हौसला बढ़ाते हैं।
 
फिल्म में करीना कपूर खान पर फिल्माया एक आइटम नंबर भी है। इसमें मुख्य किरदार डेविड फर्नांडिस (अक्षय कुमार) है, जिसने बचपन में अपने अलग हो चुके पिता (जैकी श्रॉफ) से स्ट्रीट फाइटिंग (मार्शल आर्ट्स) के गुर सीखे थे। बाद में वह भौतिकी का मशहूर प्रोफेसर बन जाता है, लेकिन वह रिंग में वापसी के लिए मजबूर हो जाता है। 
 
उसका सौतेला छोटा भाई मोंटी (सिद्धार्थ) भी खुद को अपने पिता और दुनिया के सामने साबित करना चाहता है। फिल्म के पहले हिस्से में तीनों पुरूष किरदारों की अतीत की कहानियां हैं और इसका दूसरा हिस्सा कभी न खत्म होने वाली हिंसा और दो पुरूषों के बीच खून-खराबे पर टिका है।
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