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कलंक मूवी रिव्‍यू: आलिया भट्ट और वरुण धवन की एक्टिंग शानदार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 17 2019 4:10PM | Updated Date: Apr 17 2019 4:10PM
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कलाकार: वरुण धवन, आलिया भट्ट, सोनाक्षी सिन्हा, आदित्य रॉय कपूर, माधुरी दीक्षित, संजय दत्त, कुणाल खेमू 
निर्देशक: अभिषेक वर्मन 
 
कहानी:
 
फिल्‍म की कहानी देश के बंटवारे के समय की, जहां पति देव (आदित्य रॉय कपूर) के सम्मान और ज़फर (वरुण धवन) के प्यार के बीच खूबसूरत रूप (आलिया भट्ट) के भी टुकड़े हो जाते हैं। हालांकि, एक तरफ जहां उनकी पिछली जिंदगी और दिल टूटने वाली प्रेम कहानी का खुलासा हो रहा होता है उसी बीच दूसरी तरफ भारत के इतिहास में एक अहम मोड़ आता है जहां से पीछे मुड़कर वापस आने की कोई गुंजाइश नहीं है। 
 
 
फिल्म में ड्रमैटिक मोड़ तब आता है जब आदित्य रॉय कपूर यानी देव कहता है कि यदि किसी की पत्नी किसी दूसरे मर्द से प्यार करे तो इस शादी का मतलब ही क्या है। यदि इस पहलू से देखें तो राइटर और डायरेक्टर अभिषेक वर्मन की यह फिल्म एक मजबूत पॉइंट सामने रखती नजर आ रही है। 
 
फिल्म की कहानी भारत-पाकिस्तान विभाजन से पहले, लाहौर के नजदीक स्थित हुसैनाबाद पर आधारित है, जहां बड़ी संख्या में लोहार रहते हैं और यहां की जनसंख्या में प्रमुख तौर पर मुस्लिम शामिल हैं। यहां रहने वाला चौधरी परिवार हुसैनाबाद का सबसे समृद्ध और शक्तिशाली परिवार है। इस परिवार में बलराज चौधरी और उनका बेटा देव शामिल है जो डेली न्यूज नाम का अखबार भी चलाता है। देव की जिंदगी में तब अचानक बड़ा बदलाव आ जाता है जब उसे रूप से शादी करनी पड़ती है।
 
एक दिन रूप बहार बेगम से संगीत की शिक्षा लेने जाती है तो उसकी मुलाकात जफर से होती है। कुछ मुलाकातों के बाद दोनों के बीच प्यार पनपने लगता है, जो फिल्म के सभी किरदार की जिंदगी में ट्विस्ट लाता है। वैसे तो कहानी में कुछ बेहद खास नहीं है, लेकिन इसे जिस तरह से पेश किया गया है वह दर्शकों को बांधने में कामयाब नजर आती है। 
 
फिल्म का स्क्रीनप्ले कई जगह बोर करता दिखता है, जिससे फिल्म बोझिल होने लगती है। हालांकि ओवरऑल बात की जाए तो फिल्म के डायलॉग से लेकर, किरदारों के बीच की ट्यूनिंग निराश नहीं करती। नफरत और बदले के बीच पनपने वाले प्यार को खूबसूरती से पेश किया गया है।
 
फिल्म की सबसे बड़ी हाइलाइट इसकी स्टारकास्ट थी, जो फिल्म में अपने-अपने किरदारों के साथ न्याय करती नजर आई। कहानी में रूप अपनी जिंदगी में आए अलग-अलग मोड़ पर कभी मजबूती तो कभी असहाय होती दिखाई देती है और आलिया ने किरदार के इन रंगों को बखूबी पर्दे पर पेश किया है।
 
वरुण धवन अपनी टोन्ड बॉडी को फ्लॉन्ट करते हुए भी जफर की भावनाओं को परफेक्शन के साथ डिलिवर करने में सफल हुए। इन सबके बीच आदित्य रॉय कपूर ने अपनी ऐक्टिंग से काफी इम्प्रेस किया। उन्होंने भावों से ही किरदार के इमोशन्स को जिस तरह डिसप्ले किया वह काबिले तारीफ है। सोनाक्षी सिन्हा, माधुरी दीक्षित नेने, संजय दत्त और कुणाल खेमू भी ऐक्टिंग के मामले में दर्शकों को इम्प्रेस करने में कामयाब हुए। 
फिल्म की कहानी 1940 के दशक के दौर को दिखाती है। फिल्म के लिए भव्य सेट का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि कुछ सेटअप ऐसे थे जो कहानी और जिस पीरियड को फिल्म में दर्शाया गया है उसके मुताबिक फिट बैठते नहीं दिखे। गानों की बात करें तो घर मोरे परदेसिया और कलंक का टाइटल ट्रैक पहले ही लोगों के बीच पॉप्युलर हो चुका था।
 
इसके अलावा अन्य गाने सभी को शायद ही पसंद आएं। 2 घंटे और 48 मिनट की इस फिल्म को देखने के बाद यह एहसास होता है कि थोड़ी टाइट एडिटिंग के साथ इसकी लंबाई को छोटा किया जा सकता था। कुल मिलाकर यह फिल्म ऐसी है जिसकी कहानी और किरदार आपके दिल को छूने में कामयाब होंगे। 
 
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