16 Apr 2024, 10:52:38 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

एक गांव में एक किसान रहता था। वह रोज सुबह झरनों से साफ पानी लाने के लिए दो बड़े घड़े ले जाता था, जिन्हें वह डंडे में बांधकर अपने कंधे पर दोनों ओर लटका लेता था। उनमें से एक घड़ाकहीं से फूटा हुआ था, और दूसरा एकदम सही था। इस तरह रोज घर पहुंचते-पहुंचते किसान के पास डेढ़ घड़ा पानी ही बच पाता था। सही घड़े को इस बात का घमंड था कि वो पूरा का पूरा पानी घर पहुंचाता है और उसके अंदर कोई कमी नहीं है। दूसरी तरफ फूटा घड़ा इस बात से शर्मिंदा रहता था कि वो आधा पानी ही घर तक पहुंचा पाता है । फूटा घड़ा परेशान रहने लगा और एक दिन उससे रहा नहीं गया। उसने किसान से कहा, 'मैं खुद पर शर्मिंदा हूं और आपसे माफी मांगना चाहता हूं।' किसान ने पूछा, 'क्यों? तुम किस बात से शर्मिंदा हो?' फूटा घड़ा बोला, 'शायद आप नहीं जानते पर मैं एक जगह से फूटा हुआ हूं। मेरे अंदर ये बहुत बड़ी कमी है और इस वजह से आपकी मेहनत बर्बाद होती रही है।' किसान बोला, 'कोई बात नहीं, मैं चाहता हूं कि आज लौटते वक्त तुम रास्ते में पड़ने वाले सुंदर फूलों को देखो। घड़े ने वैसा ही किया। वह रास्ते भर  फूलों को देखता आया। ऐसा करने से उसकी उदासी कुछ दूर हुई पर घर पहुंचते हुए फिर से आधा पानी गिर चुका था।' वह मायूस होकर किसान से माफी मांगने लगा। किसान बोला, 'शायद तुमने ध्यान नहीं दिया। पूरे रास्ते में जितने भी फूल थे।' वो बस तुम्हारी तरफ ही थे। सही घड़े की तरफ एक भी फूल नहीं था। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं तुम्हारे अंदर की कमी को जानता था, और मैंने उसका फायदा उठाया। मैंने तुम्हारी तरफ वाले रास्ते पर रंग-बिरंगे फूलों के बीज बो दिए थे। तुम रोज उन्हें सींचते रहे और पूरे रास्ते को इतना खूबसूरत बना दिया। आज तुम्हारी वजह से ही मैं इन फूलों को भगवान को अर्पित कर पाता हूं। तुम्हीं सोचो, 'यदि तुम जैसे हो, वैसे नहीं होते तो भला क्या मैं ये सब कुछ कर पाता? हम सभी के अंदर कोई ना कोई कमी है, पर यही कमियां हमें अनोखा बनाती हैं। यानी आप जैसे हैं वैसे ही रहिए। किसान की तरह हमें भी हर किसी को वैसा ही स्वीकारना चाहिए जैसा वह है। उसकी अच्छाई पर ध्यान देना चाहिए। जब हम ऐसा करेंगे तब फूटा घड़ा भी  कीमती हो जाएगा।

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