25 Apr 2024, 21:13:12 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

यदि यह पुस्तक मिल जाए तो आप क्या करेंगे एक किताब किसी के जीवन को किस हद तक प्रभावित कर सकती है इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं नोबेल पुरस्कार विजेता 'वर्नर हाइजेनवर्ग'। पश्चिम जर्मनी के वर्नर हाइजेनवर्ग महान भौतिकशास्त्री थे। जब वर्नर 19 वर्ष के थे तब वह विद्यालय में ही संतरी की काम किया करते थे। एक दिन ड्युटी के दौरान ही उन्हें विख्यात दार्शनिक प्लेटो की किताब 'तिमैयस' मिली। जिसमें प्राचीन यूनान के परमांडिवक सिद्धांत दिए हुए थे। इस पुस्तक को पढ़ते-पढ़ते भौतिकी में इतनी रुचि हो गई कि उन्होंने इस क्षेत्र में कुछ करने की ठान ली। वह 23 वर्ष की आयु में ही गोटिजेन में प्रोफेसर मैक्स प्लांक के सहायक पद पर नियुक्त हो गए। इसके बाद उन्होंने कभी मुढ़कर नहीं देखा। एक के बाद एक सफलता के शिखर चढ़ते गए। 24 वर्ष की आयु में वर्नर कोपेनहेगन के विवि में प्रोफेसर नियुक्त हुए। 26 वर्ष में लीपजिंग में प्रोफेसर के पद पर आसीन हुए। 32 वर्ष में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस तरह उस किताब के 13 वर्षों बाद नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया। दुनिया में किताबों से सच्चा और अच्छा कोई और दोस्त हो ही नहीं सकता। वो हमेशा बिना छल, धोखे के हमें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। इसलिए जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा किताबें पढ़ें।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »