29 Mar 2024, 02:09:41 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

एक राजा बेहद दुखी रहता था। उसका इकलौता शैतान राजकुमार कई बुरी आदतों से घिर गया था। राजा ने उसे बहुत समझाया, पर परिणाम कुछ नहीं निकला। परेशान राजा अपने गुरुजी के पास गए और उन्हें अपनी तकलीफ सुनाई। गुरु ने कुछ सोचने के बाद कहा,‘उसे मेरे पास भेज दो।’ राजा ने लड़के को गुरुजी के पास भेज दिया। गुरुजी ने बड़े प्रेम से उसका स्वागत किया और फिर उसे साथ लेकर एक बाग में गए। वहां उन्होंने उसे विभिन्न प्रकार के पौधे दिखाए। उनमें एक पौधा एक फुट का था, दूसरा तीन फुट का, तीसरा छह फुट का और चौथा बारह फुट का था। गुरुजी ने कहा,‘पहले पौधे को उखाड़कर दिखाओ।’ लड़के ने उस पौधे को पकड़कर सहज ही उखाड़ लिया। गुरुजी बोले,‘अब तुम दूसरे पौधे को उखाड़कर दिखाओ।’ लड़के ने उस पौधे को भी जोर लगाकर उखाड़ दिया। गुरुजी ने फिर कहा-‘वाह, अब तीसरे को भी उखाड़ दो।

लड़के ने पहले दोनों पौधों को एक ही हाथ से उखाड़ डाला था किंतु अब तीसरे पौधे को उखाड़ने में उसे दोनों हाथों से भी काफी खींचतान करनी पड़ी। गुरुजी ने उसकी पीठ थपथपाकर कहा,'शाबाश, अब चौथे पौधे को भी उखाड़ लाओ।’ लड़के ने पौधे को दोनों हाथों से पकड़ा काफी जोर लगाया, पर वह नहीं उखड़ा। लड़का बोला- ‘यह मुझसे नहीं उखड़ेगा।’ तब गुरुजी ने समझाकर कहा,‘बेटे, जब हम किसी बुरी आदत में पड़ते हैं, तो शुरू में तो उसे दूर करना आसान होता है, लेकिन जब हम उस आदत को नहीं छोड़ते तो उसकी जड़ें बहुत गहरी हो जाती हैं।’ फिर उन्हें उखाड़ना मुश्किल हो जाता है। लड़का समझ गया। उस दिन से उसने बुरी आदतें छोड़ दीं।

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