20 Apr 2024, 07:50:45 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

औरंगाबाद। महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र में इस वर्ष एक जनवरी से नौ सितंबर तक फसल की बर्बादी और कर्ज से परेशान 618 किसानों ने आत्महत्या कर ली। मंडलायुक्त के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सूखा प्रभावित बीड जिले में सबसे अधिक 125 किसानों ने आत्महत्या की। सबसे कम हिंगोली जिले में 42 किसानों ने खुदकुशी की है। उस्मानाबाद जिले में 100, औरंगाबाद में 87, परभणी में 85 तथा नांदेड और जालना जिला में 62-62 किसानों ने आत्महत्या की।

आत्महत्या के पीछे कर्ज, बारिश की कमी और फसल के खराब होने के साथ ही अन्य कारण बताते गये हैं। कुल 618 आत्महत्या के मामलों में 368 को सरकारी सहायता के योग्य पाया गया है जबकि 166 मामलों को जांच के बाद खारिज कर दिया गया। 84 मामले अभी जांच के लिए लंबित हैं। मराठवाडा में बारिश की कमी के कारण सूखे जैसी स्थिति है। इस महीने के अंत तक मानसून मौसम लगभग समाप्त हो जायेगा और वहां अब तक 39 प्रतिशत बारिश कम हुयी है। क्षेत्र की कई सिंचायी परियोजनाओं में औसतन 34 प्रतिशत जल बचा है।

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