नागपुर। महाराष्ट्र विधानसभा में मराठा, मुसलमान और धनगर आरक्षण के मामले में आज विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार और अन्य सदस्यों ने मामले को उठाया। विधानसभा में विपक्ष के नेता ने स्थगन प्रस्ताव के संबंध में एक नोटिस दिया। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार आरक्षण देने के वादे से मुकर रही है।
यह सरकार आरक्षण के मुद्दे पर गंभीर नहीं है जबकि बाम्बे उच्च न्यायालय इस मामले में सरकार को फटकार लगा चुकी है। पाटिल ने कहा कि सरकार जनता को गुमराह कर रही है। मराठा समुदाय के साथ ही मुसलमान समुदाय को भी आरक्षण के मामले में सरकार मूर्ख बना रही है। बाम्बे उच्च न्यायालय ने छात्रों को शिक्षा में आरक्षण को बरकरार रखा है। उच्च न्यायालय द्वारा समुदाय के लोगों के पिछड़ेपन के संबंध में आयोग गठित करने के लिए निर्देश के बावजूद सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने कहा कि यदि लंबित मांगों को पूरा नहीं किया गया तो मराठा समुदाय के युवक 23 जुलाई को अषाढ़ी एकादशी के दिन मुख्यमंत्री को पूजा नहीं करने देंगे।