मुंबई। महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्लास्टिक, पॉलिथीन बैग और थमोर्कोल पर बैन लगाए जाने क बाद 15,000 करोड़ रुपये के नुकसान और लगभग तीन लाख लोगों के रोजगार छिनने की आशंका जताई जा रही है। महाराष्ट्र सरकार ने प्लास्टिक और थमोर्कोल पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की है। इसके साथ ही प्लास्टिक और थमोर्कोल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला महाराष्ट्र 18वां राज्य बन गया है। लोगों के पास पड़े स्टॉक को नष्ट करने के लिए एक महीने का वक्त दिया गया है।
250 मिली लीटर पानी की बॉटल पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस प्रतिबंध का पालन नहीं करने वालों को 5,000 रुपये से 25,000 रुपये तक जुमार्ना भरना होगा या फिर तीन महीने की सजा हो सकती है। प्लास्टिक बैग्स मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन आॅफ इंडिया के जनरल सेक्रटरी नीमित पुनामिया ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार द्वारा लागू किए गए प्लास्टिक बैन से प्लास्टिक इंडस्ट्री को तगड़ा झटका लगा है। इंडस्ट्री को 15,000 करोड़ रुपये के नुकसान और तीन लाख लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है। हमारी असोसिएशन के ही 2,500 से ज्यादा लोग मजबूरन अपनी दूकानें बंद कर चुके हैं। यह फैसला पूरी तरह से भेदभाव भरा है।'
प्लास्टिक इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि इस बैन से नौकरियां जाएंगी, राज्य की जीडीपी पर प्रभाव पड़ेगा लेकिन बैंक के बैड लोन में भी वृद्धि होगी। वहीं रिटेलर्स का कहना है कि इसमें लगने वाले जुमार्ने से काफी नुकसान होगा और ग्राहकों को भी असुविधा होगी। बता दें कि प्लास्टिक बैन का उल्लंघन करनेवालों पर पहली बार 5,000 रुपये और दूसरी बार 10,000 रुपये का जुमार्ना लगाया जा रहा है। वहीं तीसरी बार इसका उल्लंघन करनेवालों को 25,000 रुपये के जुमार्ने के साथ-साथ तीन महीने की जेल भी हो सकती है।