मुंबई। मुंबई में वर्ल्ड पीस एंड हारमनी कॉन्क्लेव आयोजित किया। इसमें देश और दुनिया की दिग्गज हस्तियों ने भाग लिया और शांति का संदेश दिया। कॉन्क्लेव में धर्म गुरु दलाई लामा और बाबा रामदेव की बीच जमकर हंसी-मजाक भी हुआ। अपने संबोधन के दौरान दलाई लामा ने बाबा रामदेव को अपने पास बुलाकर उनकी दाढ़ी पकड़ ली। साथ ही बाबा रामदेव ने भी मंच पर अपनी योग कला दिखाई।
संबोधन के दौरान बाबा रामदेव ने भारत-चीन सीमा विवाद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चीन शांति में विश्वास नहीं रखता अगर ऐसा होता तो दलाई लामा भारत में नहीं होते। रामदेव ने कहा कि हम योग की भाषा में बात करते हैं लेकिन अगर किसी को यह भाषा नहीं समझ आती तो उसे युद्ध की भाषा में जवाब देना भी हमें आता है।
बाबा रामदेव ने कहा कि दलाई लामा एक वर्ल्ड सिटीजन है। उन्होंने कहा कि एकत्व की सोच हम भारतीयों में होना चाहिए। बाबा रामदेव ने कहा कि बाबरी मस्जिद का जो मसला है उसमें जमीन देने से मिलती है, लेने से कुछ नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि वस्त्रों में अंतर हो सकता है, पर हम हिंदुस्तानियों की सोच में अंतर नहीं होना चाहिए।
बाबा रामदवे ने कहा कि हम जल्द ही एक स्कूल बनाने वाले हैं जिसमे हर जाति के और भेदभाव को न मानने के लिए पहली कक्षा से ही पढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने 5 लाख लोगों को व्यवसाय दिया जिससे लोग खुश हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले तो अमेरिका के टुकड़ों पर पलता था। उसे थोड़ा फंड मिला और हथियार आ गए। उन्होंने कहा कि मैं चीन को यह कहना चाहूंगा कि भेड़िये को कितना भी घास दिखाओगे वो शाकाहारी नहीं हो सकता और मैं योग गुरु हूं तो हम युद्ध के लिए भी पीछे नहीं हट सकते।