महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में हड़ताली डॉक्टरों पर अब सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। राज्य सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों को जल्द से जल्द ड्यूटी पर लौटने को कहा है। प्रदेशभर में 301 जूनियर डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही महाराष्ट्र के मेडिकल एजुकेशन मंत्री गिरीश महाजन ने डॉक्टरों को आज रात 8 बजे तक ड्यूटी पर लौटने को कहा है। नहीं तो उनकी 6 महीनें की सैलरी कटेगी।
महाजन ने कहा, 'अगर डॉक्टर रात 8 बजे तक ड्यूटी पर वापस नहीं लौटेंगे तो उनकी 6 महीने की सैलरी काट ली जाएगी।' उधर मुंबई के जेजे अस्पताल ने डॉक्टरों की हड़ताल पर उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों और उनके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल के कारण अस्पतालों में सर्जरी नहीं हो पा रही है। ओपीडी से मरीजों को वापस भेज दिया जा रहा है।
बता दें कि डॉक्टरों पर बढ़ रहे हमलों के कारण 4 हजार रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों के आंदोलनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों की खिंचाई करते हुए मंगलवार को कहा था कि उनका व्यवहार शर्मनाक है।
मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर और न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी ने यह टिप्पणी सोशल ऐक्टिविस्ट अफाक मांडवीय की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की थी। याचिका में आंदोलनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, अगर आप (डॉक्टर) काम नहीं करना चाहते हैं, तो इस्तीफा दे दीजिए। आप फैक्टरी के कामगार नहीं है कि इस तरह का प्रदर्शन करेंगे। डॉक्टर इस तरह से कैसे व्यवहार कर सकते हैं?