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वर्ष 2019-20 के दौरान हरियाणा में होगा 10 लाख मवेशियों का बीमा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 14 2019 12:32AM | Updated Date: Jun 14 2019 12:32AM
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चंडीगढ़। हरियाणा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान दस लाख मवेशियों का बीमा कराया जाएगा तथा इसके प्रदेश पूरे देश में सबसे ज्यादा मवेशियों को स्वास्थ्य एवं जीवन संरक्षण देने वाला राज्य बन जाएगा। राज्य के पशुपालन मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने आज यहां बताया कि इस योजना में पशुपालकों का रूझान बढ़ने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अप्रैल 2019 से अब तक महज ढाई महीने में एक लाख मवेशियों का बीमा हो चुका है। उन्होंने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कृषि एवं इससे सहायक गतिविधियों में भी किसानों के साथ पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए मवेशियों को जोखिममुक्त करने की रणनीति बनाई है।

धनकड़ के अनुसार इस योजना के तहत जहां अनुसूचित जाति के पशुपालकों के शत-प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जा रहा है वहीं अन्य लाभार्थियों को बड़े पशु गाय, भैंस के लिए 100 रुपये प्रति पशु तथा छोटे पशु भेड़, बकरी और सूअर के लिए 25 रुपये प्रति पशु में एक साल का बीमा किया जा रहा है। पशुपालकों के मवेशियों को जोखिम मुक्त करने की इस योजना के लिए अप्रैल 2019 से पूरे प्रदेश में 10 लाख मवेशियों का बीमा करने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें अब तक एक लाख मवेशियों का बीमा किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मवेशी की आकस्मिक मृत्यु, दुर्घटना में मृत्यु, बिमारी से मृत्यु, करंट, जहरीले जीव से काटने, बाढ़, आग आदि की चपेट में आने से होने वाली मृत्यु की स्थिति में पशुपालक को अधिकतम 86 हजार रुपये तक के मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से अनुसूचित जाति के पशुपालकों के पांच मवेशियों का निशुल्क बीमा किया जाएगा।

धनकड़ ने कहा कि पिछली सरकारों में केवल 50 से 60 हजार तक मवेशियों का ही बीमा होता था तथा उसमें भी शर्तों को पूरा करना पशुपालकों के लिए कठिनाई भरा काम था। लेकिन वर्तमान योजना के तहत अब तक एक लाख मवेशियों का बीमा किया जा चुका है और 10 लाख मवेशियों का बीमा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग एक ऐप बना रहा है जिस पर सभी पशुपालकों के मवेशियों की जानकारी अपडेट की जाएगी। इससे पशुपालक अपनी जरूरत अनुसार मवेशी की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। हाल ही में रेवाड़ी में पांच मवेशियों की मृत्यु हुई थी जिनका पशुपालकों ने बीमा कराया था और उन्हें इसका मुआवजा दिया गया। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को अपने नजदीकी पशुचिकित्सालय तक पहुंचकर अपना पंजीकरण कराने की सूचना देनी है जिसके बाद विभाग की टीमें बीमा प्रक्रिया पूरी करती हैं। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पशुपालन को बढ़ावा मिल रहा है, अपितु जोखिम की चिंता से भी किसानों को निजात भी मिली है।

 
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