इंदौर। सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट के पदाधिकारियों की जानकारी के बिना ट्रांसफर हो गई स्व. भय्यू महाराज की हुंडई टकसन कार (एमपी-09-सीएच-7447) को लेकर परिवहन विभाग में दूसरे दिन भी हलचल रही। दो दिन पहले तक परिवहन अधिकारी कार ट्रांसफर करने की प्रक्रिया दस्तावेजों के आधार पर और नियमानुसार बता रहे थे, लेकिन हकीकत ये है कि इस मामले में अब विभाग ही बैकफुट पर आ गया है। इसके चलते अधिकारियों ने परिवहन विभाग की अधिकृत साइट एमपी ट्रांसपोर्ट से कार से संबंधित सारी जानकारी ही हटवा दी, जबकि दो दिन पहले तक सारी जानकारी आॅनलाइन थी। इस मामले का खुलासा होने और ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा खुलकर सामने आने के बाद जानकारी हटवा दी गई। इस कारण कार ट्रांसफर करने की प्रक्रिया भी संदेह के घेरे में आ गई।
अपने ही नियम का नहीं किया पालन
विभाग में पदस्थ वर्तमान अधिकारियों ने गाड़ी ट्रांसफर करने के मामले में पारदर्शिता रखने के लिए नियम बनाया था। इसमें खरीदने और बेचने वाले एक साथ मौजूद रहने का नियम बनाया था, लेकिन भय्यू महाराज की कार ट्रांसफर करने के मामले में इस नियम का पालन नहीं किया गया। इस कारण कार ट्रांसफर हो गई, लेकिन ट्रस्ट के पदाधिकारियों को इसकी भनक ही नहीं लगी।
पहले भी हुआ था फर्जीवाड़ा
गाड़ी मालिक को बिना जानकारी लगे एजेंट, एवजी और बाबू की मिलीभगत से गाड़ियां ट्रांसफर करने के फर्जीवाडे से संबंधित कई मामले इससे पहले भी सामने आए। कुछ महीने पहले इसी प्रकार के एक मामले को लेकर परिवहन कार्यालय में खून-खराबा भी हुआ था। इसके बावजूद जिम्मेदार इन मामलों को लेकर गंभीर नहीं हैं।