भोपाल। सरकारी भवनों और परिसरों में संघ की शाखाओं पर बैन लगाने के मुद्दे पर भाजपा और संघ के निशाने पर आए कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि हमने कभी संघ पर बैन लगाने की बात कही ही नहीं है बल्कि भाजपा बेवजह इसे मुद्दा बना रही है। सोमवार को कमलनाथ ने कहा कि हमने अपने वचन-पत्र के लिए लोगों से सुझाव मांगे थे। आदिवासी छात्रावास में रहने वाले बच्चों की ओर से यह सुझाव आया था कि सरकारी परिसरों में संघ की शाखाओं पर रोक लगाई जाए। इसी वजह से हमने इसे अपने वचनपत्र में शामिल किया।
मुंह में शब्द डालना चाहती है भाजपा
कमलनाथ ने कहा कि मैंने या कांग्रेस ने कभी यह नहीं कहा कि हम संघ पर बैन लगाएंगे। भाजपा हमारे मुंह में वो शब्द डालना चाहती है जो हमने नहीं कहा। हमने तो वही बात दोहराई है जो उमा भारती, बाबूलाल गौर के कार्यकाल में थी और अभी केंद्र में है।
कांग्रेस को समझ आ गई -राकेश सिंह
भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष राकेश सिंह ने कांग्रेस के वचन-पत्र में संघ के जिक्र को लेकर उठे विवाद के बीच सोमवार को कहा कि कांग्रेस को इस बात का अहसास हो गया है कि चीजें उसके हाथ से निकल रही हैं, इसलिए उसने स्पष्टीकरण दिया है। इस बात से संघ की शक्ति भी साबित हुई है। कांग्रेस के नेता एक तरफ तो संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठनों पर प्रतिबंध की बात करते हैं और वहीं दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विवि में राष्ट्रविरोधी नारे लगाने वालों का समर्थन करते हैं। इसे क्या माना जाए। कांग्रेस जैसे दल को राष्ट्रीय हितों से कोई मतलब नहीं है।
संघ परिवर्तन लाना चाहता है -सरताज
भाजपा से बागी होकर होशंगाबाद सीट से कांग्रेस का टिकट लेकर चुनाव लड़ रहे सरताज सिंह ने कहा कि संघ बहुत बड़ा सामाजिक परिवर्तन लाना चाहता है। राजनैतिक परिवर्तन से सारी समस्याएं हल हो जाएंगी, ऐसा नहीं है। समाज में जो कमजोरी है, उसे दूर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने क्या कहा है, यह वे जब तक पढ़ेंगे नहीं, कुछ कह नहीं सकते। मैंने कांग्रेस का वचन-पत्र नहीं पढ़ा है। मेरे लिए सरकार की परफार्मेंस ज्यादा महत्वपूर्ण है। पार्टी का नाम महत्वपूर्ण नहीं है।