इंदौर। कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में रविवार को विश्व की सबसे छोटी मारमोसेट प्रजाति के बंदर का जोड़ा लाया गया। एक-एक साल के इस प्रजाति के बंदर को एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत हिप्पो पोटेमस के बदले बडोदरा से लाया गया। बंदर के जोड़े को अभी जू अस्पताल में रखा गया है। बाद में इसे अलग से तैयार किए जा रहे पिंजरे में शिफ्ट किया जाएगा। फिलहाल पिंजरे को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
जू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि इनका वजन 250 ग्राम के आसपास है। इस प्रजातियों के बंदर मुख्यत: ब्राजील में पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें खाने में सीजनल फलों के साथ उबला हुआ चिकन पसंद है और इनकी औसत उम्र 10 वर्ष होती है। जिस जोड़े को लाया गया है, उसकी लंबाई 30 सेंटीमीटर है। डॉ. यादव के मुताबिक इस प्रजाति के कुछ बंदर अंगुली के आकार के भी होते हैं। यह जोड़ा खरगोश के आकार का है। इससे पहले बडोदरा से ही ब्लैक व सफेद बत्तख के जोड़े लाए गए थे। बाजार में इन बंदरों की कीमत चार से पांच लाख रुपए के आसपास होती है।
यूरोपियन फेरेटस भी आए
बंदर के जोड़े के साथ ही ऊदबिलाव प्रजाति के यूरोपियन फेरेटस का एक जोड़ा भी जू में लाया गया। मादा सफेद और नर काले रंग का है। 6 और 7 महीने के इन ऊदबिलाव को भी जू के अस्पताल में रखा गया है।