इंदौर। इंदौर रेलवे स्टेशन पर 250 किलोवॉट के सोलर पैनल का काम शुरू हो चुका है। यहां फिलहाल साढेÞ तीन हजार यूनिट हर महीने और 42 हजार यूनिट की बचत हर साल की जाती है। अब इंदौर रेलवे स्टेशन खुद की बिजली से रोशन होने वाला पहला रेलवे स्टेशन होगा। वहीं इंदौर के ही विमानतल पर भी बिजली बचाने के लिए सोलर एनर्जी प्लांट अगले महीने शुरू होने की बात कही जा रही है।
तैयार होगी हर महीने 30 हजार यूनिट बिजली
स्टेशन पर 250 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाया जा रहा है, जिससे हर माह औसतन 30 हजार यूनिट बिजली तैयार होगी। इंदौर स्टेशन का औसत बिजली का बिल हर माह 5 से 6 लाख रुपए आता है। इस सोलर पैनल सिस्टम के बाद इतने ही रुपए की बिजली हर माह तैयार होगी। स्टेशन बिजली बचत के लिए इससे पहले 25 किलोवॉट का सोलर पैनल लगा हुआ है, जिससे हर माह 3500 यूनिट की बचत हो रही है। इसके साथ ही स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर ट्यूबलाइट की जगह एलईडी लगाई गई है, जिससे बेहतर रोशनी और बिजली बचत भी हो रही है।
रेलवे बोर्ड द्वारा देशभर के बड़े स्टेशनों पर करीब दो साल पहले निर्देश जारी किए थे, इसके बाद प्लेटफॉर्म पर सोलर पॉवर पैक और सोलर वॉटर हीटर लगाया गया था, जिससे रेलवे स्टेशन का बिजली का बिल यूं तो हर माह 5 से 6 लाख रुपए आ रहा है, लेकिन सोलर उपकरणों के लगने के बाद इसमें 30 हजार रुपए से अधिक की बचत हो रही है। इसके अलावा प्लेटफॉर्म नंबर दो, तीन और चार पर लगी 600 एलईडी से भी सैकड़ों यूनिट की बचत हुई है।
पार्क रोड स्टेशन पर चल रहा काम
स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर पांच और छह की इमारत के ऊपर 250 किलोवॉट का सोलर प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है, जिससे औसतन 28 से 30 हजार यूनिट हर माह तैयार होगी। करीब इतनी ही बिजली स्टेशन परिसर में उपयोग में आती है। सप्ताहभर पहले इसका काम शुरू हो चुका है, जिसे अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा। फिलहाल प्लेटफॉर्म नंबर एक पर 20 किलोवॉट के सोलर पॉवर पैक से हर माह 3 हजार से 3500 यूनिट तक की खपत होती है। इस बिजली का उपयोग वेटिंग हॉल, रिटायरिंग रूम के अलावा अधिकारियों के कार्यालय में उपयोग होता है। यानी कुल मिलाकर अब इंदौर रेलवे स्टेशन पर बिजली बचाने के लिए पहल शुरू की जा चुकी है।