भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले से जुड़े आरक्षक भर्ती परीक्षा - 2012 मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने पांच आरोपियों को सात-सात साल की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश एस सी उपाध्याय ने आरोपियों नरोत्तम यादव, उसके पिता भगवान यादव, अविनाश यादव, ऋषभ अग्रवाल और प्रभात मेहता को मामले में दोषी करार देते हुए सजा का निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
व्यापमं से जुड़े मामलों की जांच पहले पुलिस का विशेष कार्य बल (एसटीएफ) कर रहा था। उसे गुमनाम शिकायत मिली थी कि पुलिस आरक्षक नरोत्तम यादव फर्जी तरीके से परीक्षा पास कर नौकरी कर रहा है। उसके स्थान पर किसी ओर ने परीक्षा दी थी। मामले की जांच के बाद एसटीएफ ने नरोत्तम, भगवान और बिचौलिये प्रभात को गिरफ्तार कर चालान पेश कर दिया था। बाद में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर व्यापमं मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी गई।
सीबीआई ने इस मामले में फर्जी परीक्षार्थी ऋषभ और बिचौलिये अविनाश को भी आरोपी बनाकर पूरक चालान पेश किया था। पूछताछ में आरोपियों ने कबूला था कि इस काम के लिए भारी रकम का लेन-देन हुआ था। अदालत ने पांचों दोषियों पर सात-सात हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।