रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के ग्राम बर्डिया में दस माह के बीमार बालक को गर्म सलाखों (छतरी की लोहे की ताड़ी) से दागने का मामला सामने आया है। बच्चे को बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अंकित पिता राहुल डामर निवासी रूंजी जिला झाबुआ दो सप्ताह से बीमार है। उसे बुखार व झटके आने पर 10 अक्टूबर को बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया था। चार दिन बाद छुट्टी होने पर मां अनिता उसे मायके ग्राम बर्डिया ले गई थी। जहां तबीयत फिर बिगड़ गई और उसे झटके आने लगे।
कलाई और एडी पर जख्म
सोमवार दोपहर ग्राम बर्डिया में अनिता के काका पप्पू व अन्य लोगों ने छतरी की ताड़ी (सलाख) गर्म की और अंकित के दोनों हाथों की कलाई और दोनों पैरों की एडी के ऊपर दाग दिया। इससे अंकित के हाथ व पैर झुलस गए और वहां जख्मी हो गया। इसके बाद भी उसकी तबीयत नहीं सुधरी। उसे शाम करीब चार बजे बाल चिकित्सालय लाकर भर्ती कराया गया।
यह अंधविश्वास है
बाल चिकित्सालय में ड्यूटी पर तैनात डॉ. तेजसिंह देवड़ा ने बताया कि गांवों में अंधविश्वास के चलते बच्चों को गर्म वस्तुओं से दाग दिया जाता है। ग्रामीण समझते है कि दागने से बीमारी दूर हो जाएगी, लेकिन ऐसा होता नहीं है। बीमार लोगों को दागना नहीं चाहिए।