भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश के कमजोर और निष्क्रिय विधायक, सांसदों और मंत्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बताते हैं जिन कमजोर नेताओं का फीडबैक तैयार किया गया है, उनमें सबसे ज्यादा 24 मालवा-निमाड़ के हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में इनके टिकट कट सकते हैं।
शाह के दौरे ने समाज में अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के बीच काम कर रहे पार्टी के पूर्णकालिक एवं समयदानियों की संगठन में महत्ता बढ़ा दी है। शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि अगले विधानसभा चुनाव के लिए विधायकों के टिकट पूर्णकालिकों की रिपोर्ट के आधार पर ही तय होंगे। यही कारण है कि शाह ने पूर्णकालिकों को सुविधा संपन्न बनाने पर जोर दिया है। यही नहीं उन्होंने पूर्णकालिकों से दिल्ली रिपोर्ट भी तलब की है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है अब पूर्णकालिकों का फीडबैक विधायकों के टिकट काट सकता है।
60 से ज्यादा विधायकों की चिंता बढ़ी
टिकट वितरण में पूर्णकालिकों की भूमिका तय होने से भाजपा के 60 से ज्यादा विधायकों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि दागी, चंदाखोर, माफिया के आरोपी विधायकों के टिकट कट सकते हैं। अगले विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल से करीब एक दर्जन विधायक, मालवा-निमाड़ के दो दर्जन, महाकौशल के आठ-दस, मध्यक्षेत्र से आधा दर्जन एवं बुंदेलखंड क्षेत्र के एक दर्जन विधायकों के टिकट संकट में हैं। इनमें से आधा दर्जन के करीब मंत्री भी शामिल हैं।