भोपाल। मध्य प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और पदाधिकारियों को अनुशासन के साथ पार्टी को सशक्त बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कामकाज में पारदर्शिता लाना आवश्यक है, संगठन चलाने के लिए भाजपा को कालाधन नहीं, ईमानदारी का पैसा चाहिए। अगले विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में मौजूदा से ज्यादा सीटों पर कब्जा करना है।
अमित शाह के स्वागत के दौरान भाजपा दफ्तर में धक्का-मुक्की भी हुई। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और थावरचंद गहलोत भी भीड़ में कुछ देर फंसे रहे। अमित शाह ने पहले दिन नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ नौ घंटे में पांच बैठकें कीं। शाह ने नेताओं को चेतावनी दी कि एडजस्टमेंट की राजनीति न करें, वहीं कार्यकर्ताओं को मिशन 2018-19 के लिए जीत का फार्मूला उन्होंने सुझाया।
शाह ने कहा कि दो महीने बाद भाजपा वन इलेक्शन-वन नेशन कैंपेन शुरू करने जा रही है। इस अभियान का मकसद लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का होगा। अमित शाह ने आने वाले सालों के लिए पार्टी का रोडमैप भी नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने रखा। शाह ने कहा कि पार्टी पांच-दस सालों के लिए नहीं, बल्कि 50 सालों के लिए सत्ता में आयी है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वह चुनाव तैयारियों की मॉनिटरिंग खुद करेंगे। अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भाजपा कार्यालय में पहली ही बैठक में शाह ने सख्त शब्दों में सभी को हिदायत दी कि बैठक की बातें बाहर बिल्कुल न जाएं। मीडिया से कोई चर्चा न करें। उन्होंने कहा कि यहां केवल संगठन से संबंधित चीजों प रही चर्चा होगी। डेबिट-क्रेडिट की बात भी नहीं, मुझे किसी की बैलेंस शीट भी मत बताओ, बिन्दुवार बातें मेरे समक्ष रखो। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पार्टी को मजबूत बनाएं इसके लिए में आपके सुझाव सुनने आया हूं।