इंदौर। उत्तरप्रदेश के गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से हुई मासूमों की मौत जैसी घटना इंदौर के एमवाय अस्पताल में भी रविवार को होते-होते बची। दरअसल रविवार सुबह करीब 11.30 बजे अस्पताल के प्रथम मंजिल स्थित लेबर रूम में सप्लाई होने वाली ऑक्सीजन की लाइन में लीकेज हो गया था। लगभग दो घंटे बाद वहां तैनात अस्पताल के कर्मचारियों को घटना का पता चला। लीकेज होने से मरीजों को सप्लाई होने वाली ऑक्सीजन का प्रेशर कम हो गया था, जिसे देख कर्मचारियों ने तुरंत वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ ही अस्पताल के अधिकारियों को सूचित किया। घटना से अधिकारियों में हड़कंप मच गया। उन्होंने लेबर रूम में तैनात कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए कि इस घटना की जानकारी बाहर नहीं जाना चाहिए।
अस्पताल में नहीं है टेक्नीशियन
अस्पताल में लीकेज सुधारने के लिए कोई टेक्नीशियन नहीं है इसलिए ताबड़तोड़ प्राइवेट अस्पताल से मैकेनिक बुलवाकर लीकेज सुधरवाया गया। हालांकि इस घटना से किसी भी मरीज को कोई गंभीर समस्या नहीं हुई, लेकिन गोरखपुर में हुई घटना को देखते हुए एमवाय अस्पताल की कार्यप्रणाली और रखरखाव पर सवालिया निशान उठने लगे हैं।
मामला दबाने में लगे रहे अधिकारी
घटना की जानकारी एमवाय कर्मचारियों ने अस्पताल अधीक्षक वीएस पाल, जेके वर्मा आदि को दे दी थी उसके बाद भी कोई अधिकारी घटना की पुष्टि नहीं कर रहा था। उल्टा सीएमओ सुधि शुक्ला ने जब इस घटना की जानकारी अधीक्षक पाल को दी तो उन्होंने कहा कि इस घटना की जानकारी किसी को नहीं होना चाहिए।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले एमवाय अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से 17 मरीजों की मौत के मामले में भी अस्पताल प्रशासन ने घटना से इनकार कर दिया था।
अधीक्षक के झूठ पर दबंग दुनिया का सच
घटना की जानकारी सीएमओ सुधि शुक्ला ने एमवाय अधीक्षक वीएस पाल को फोन पर दी थी। इस बातचीत की वीडियो रिकॉडिंग दबंग दुनिया के पास है। रिकॉर्डिंग में डॉ. शुक्ला कह रही हैं, मैं पूरा सिस्टम चेंज कर रही हूं, वे बोल रहे हैं कि कल करेंगे। फोन के दूसरी तरफ से अधीक्षक ने पूछा कि कितनी गैस लीक हुई है। इस पर डॉ. शुक्ला ने वहां खड़े लोगों से पूछा कि कितनी गैस लीक हुई है, सामने खड़े कर्मचारी ने कहा कि अंदाजा नहीं लगा सकते, थोड़ी सी ही हुई होगी। फिर डॉ. शुक्ला ने फोन पर कहा कि संतोष जो यह सब देखता है वह यहीं खड़ा है, मेरे सामने...ठीक है...ठीक है सर...मैं देखती हूं। यह कहकर उन्होंने फोन रख दिया। इसके बाद डॉ. शुक्ला ने सामने खड़े कर्मचारियों से कहा कि अभी वहां कितनी व्यवस्था है, रातभर चल जाएगा। अब आप लोग अपनी जिम्मेदारी से देखें। क्योंकि लीकेज तो दो घंटे से हो रहा है। आप लोग कह रहे हैं कि छोटा सा है, लेकिन हुआ तो है।
मैकेनिक बोला- दो घंटे बाद मैंने रिसाव ठीक किया
लीकेज को सुधारने के लिए एमवाय अस्पताल में जगदीश नामक टेक्निशियन पहुंचा था। जगदीश ने बताया कि वह लक्ष्मी मेमोरियल अस्पताल में काम करता है और वहां के डॉ. सुमित शुक्ला ने खुद उसे एमवाय भेजा है। जगदीश ने कहा कि दो घंटे से गैस लीकेज हो रही थी, काफी गैस निकल गई क्योंकि पूरा वायसर निकला हुआ था। हालांकि इसे ठीक कर दिया है। (जगदीश का वीडियो उपलब्ध है जिसमें उसने यह बात बताई है।