नई दिल्ली। जीएसटी निश्चित तौर पर देश के लिए उपयोगी होगा और इसकी वजह से एक राज्य से दूसरे राज्य में बिजनेस करना आसान होगा। जीएसटी में टैक्स पर टैक्स से आजादी लगेगी। करों के ऊपर उपकर और राज्यों के अलग टैक्स से आजादी मिलेगी।
ये बातें मप्र के सीएम शिवराजसिंह चौहान ने जीएसटी पर आयोजित सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा, जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स भरने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाना होंगे। अलग-अलग कीमतों से आजादी मिलेगी। इतना ही नहीं पहले की टैक्स व्यवस्था में राज्यों के बीच चुंगी, नाके पर टैक्स का हिसाब लगने में जो समय लगता था उसमें वाहनों का करीब 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का ईंधन खर्च हो जाता था जो जीएसटी के आने से बचेगा।
कारोबारियों की दिक्कतें दूर करेंगे
सीएम ने कहा, मध्यप्रदेश में जीएसटी हेल्प डेस्क बनाई गई है जिसके जरिए सरकार कारोबारियों को उससे जुड़ी सारी दिक्कतों को दूर करेगी। व्यापारियों के लिए हेल्प डेस्क उनकी आशंकाओं को खत्म करने में सहायता करेगा। जीएसटी से टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा। मप्र में बिजली व्यवस्था भी काफी सुधर गई है जिसके बाद वहां जीएसटी से जुड़े सारे सॉफ्टवेयर आसानी से काम कर सकते हैं।
अलग-अलग टैक्स स्लैब के बारे में बताते हुए सीएम ने कहा, हमारे यहां जीएसटी की दर अलग-अलग होने के कारण हैं। हम गरीब और अमीर पर समान टैक्स नहीं लगा सकते हैं। गरीबों के इस्तेमाल की चीजें और धनी के विलासिता की चीजों का टैक्स एक नहीं हो सकता। एक समान टैक्स की दरें लागू करना नामुमकिन है। केंद्र ने व्यवस्था की है कि राज्यों को नुकसान नहीं होगा।
किसानों पर बोले सीएम
सीएम चौहान ने कहा, मप्र में सरकार कृषि उत्पादन का पैटर्न बदलने की कोशिशों में सफल रही है। किसानों को उनकी उपज का सही समर्थन मूल्य दिलाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। हाल ही में हुई घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण रही हैं जिनकी कसक मन में सदैव रहेगी लेकिन सरकार किसानों को उनका हक दिलाने के लिए तेजी से काम कर रही है। मप्र अब सबसे ज्यादा कृषि उपज पर हेक्टेयर वाले राज्यों में से है और यहां के किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।