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किसान ने अफसरों को रिश्वत देने को सीएम से मांगे पांच लाख रुपए

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 19 2017 9:18PM | Updated Date: Jun 19 2017 9:18PM
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आदित्य सिंह- इंदौर 

इंदौर। मध्यप्रदेश में किसान अपनी समस्या को लेकर पिछले कई दिनों से उग्र आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांगों को दबाने के लिए कभी राजनीतिक तौर पर कूटनीति का इस्तेमाल हुआ तो कभी उन पर गोलियां चलाई गईं। अब एक ताजा मामला सामने आया है। इसमें इंदौर जिले के एक किसान ने मुख्यमंत्री से सीएम हेल्पलाइन पर पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद मांगी है। ताकि वह भ्रष्ट अधिकारी को रिश्वत देकर जमीन के कागज पर अपने दिवंगत पिता का नाम दोबारा दर्ज करवा सके।

 
अफसरों की मनमानी
किसानों पर राजनीति हो-हल्ले के बीच एक ऐसी शिकायत मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंची है, जो इस बात को साबित कर रही है कि सरकार तो किसानों की मदद करना चाहती है, लेकिन उसकी नुमाइंदगी करने वाले अधिकारी रिश्वत के लालच में सरकार की छवि धूमिल कर रहे हैं, जिसका खामियाजा आम किसान और सरकार को भुगतना पड़ रहा है। 
 
कोर्ट ने किसान के पक्ष में दिया था फैसला
दरअसल जिले से सटे राऊ के मांगीलाल पिता जयराम खाती की ग्राम राऊ में 2.185 हेक्टेयर कृषि भूमि थी। इसे 29.10.1992 को अतिशेष घोषित कर शासन ने अपने कब्जे में ले लिया था। इसके एवज में किसान मांगीलाल ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने सीलिंग एंड रेगुलेशन एक्ट 1999 के अंतर्गत किसान के पक्ष में दिनांक 14.9.2010 को अपील क्र. 6 ए/2010 में फैसला पारित किया। जिसका आज दिनांक तक परिपालन नहीं हो पाया है। कोर्ट के आदेश पर जमीन पर दोबारा किसान का नाम चढ़ाने के एवज में उनसे पांच लाख रुपए की रिश्वत इंदौर कलेक्टोरेट में बैठे अधिकारी ने मांगी। आर्थिक स्थिति ठीक न होने से किसान यह राशि देने में असमर्थ है। इसलिए उसने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से यह पांच लाख रुपए की मदद मांगी है।
 
पहले पिता को खोया, फिर भाई, अब मां की हालत खराब
करीब सात साल पहले कोर्ट से मिल चुके आदेश को पारित कराने के लिए केदार के पिता मांगीलाल करीब सात सालों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते रहे। इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी और आर्थिक अभाव में उनकी जान चली गई। यही हाल उनके भाई के साथ हुआ। पिता की मौत के बाद भाई ने कोशिश की, इसी दौरान वह भी बीमार पड़ा और आर्थिक स्थिति खराब से पर्याप्त उपचार नहीं मिलने पर उसकी भी मौत हो गई। अब इस किसान की मां मौत की दहलीज पर खड़ी है। जिसकी आखिरी इच्छा अपनी ही जमीन को दोबारा पति के नाम होता देखना चाहती है।
 
यह था कोर्ट के आदेश 
कोर्ट ने दीवानी प्रथम अपील क्र. 06/2010 परिपालन में यह आदेश पारित किया कि ग्राम राऊ तहसील जिला इंदौर के रकबा नंबर 27/1 कुल 2.185 हेक्टेयर जमीन को प्राप्त करने के लिए 29/10/1992 को की गई कागजी कार्रवाई को शून्य घोषित करार दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में अपीलकर्ता को जमीन से बेदखल ना करने के आदेश भी दिए थे। कोर्ट का आदेश था कि उभय पक्ष अपना वाद व्यय वहन करे। साथ ही उपरोक्तानुसार जयपत्र बनाया जाए।
 
मुख्यमंत्री से मदद मांगी है
सीएम हेल्प लाइन पर शिकायत दर्ज कराई है। मुख्यमंत्री से कहा है कि मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए अधिकारी को पांच लाख रुपए की रिश्वत नहीं दे सकते। मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच लाख रुपए दें या पांच लाख रुपए का कर्ज दिलवाने का कष्ट करें, ताकि कलेक्टोरेट में बैठे अधिकारियों को रिश्वत देकर जमीन पर पिता का नाम दोबारा जोड़ा जाए।
                                                                                                                               - केदार पिता मांगीलाल खाती, पीड़ित किसान 
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