भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से 15 जून तक जन जागरण के लिए प्रदेश के हर जिले में पेड़ लगाओ यात्राएं निकाली जाऐंगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चौहान यहां मंत्रालय में नर्मदा सेवा मिशन की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोदने का काम और पौधों की उपलब्धता पहले से सुनिश्चित की जाए। पेड़ लगाओ यात्रा में आमजन पेड़ लगाने के लिये संकल्प पत्र भरेंगे।
आगामी 20 जून तक तय हो जायेगा कि कौन व्यक्ति कहां पर पेड़ लगाएगा। चौहान ने कहा कि आगामी एक जुलाई को सेटेलाइट इमेंजिग से देखा जायेगा कि नर्मदा के तटों पर पौधरोपण की क्या तैयारिया हैं। आगामी दो जुलाई को पौधरोपण किया जायेगा तथा फिर तीन जुलाई को नर्मदा तटों की सेटेलाट इमेंजिग से देखा जायेगा कि कितने पौधे लगाये गये। एक साल बाद फिर से पूरे क्षेत्र की सेटेलाइट इमेंिजग की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा सेवा मिशन की कार्ययोजना के क्रियान्वयन की समीक्षा हर माह करें।
साथ ही इसकी प्रगति की जानकारी मुख्यमंत्री डेस्क बोर्ड पर डालें। इसके तहत एक साल में जितने काम होंगे उनका रिपोर्ट कार्ड जनता को 15 मई 2018 को प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने संबंधित विभाग के मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों को नर्मदा सेवा मिशन की कार्ययोजना की प्रतियां सौंपी। बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्य तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। चौहान ने सभी मंत्रियों से अपने-अपने विभाग में नर्मदा सेवा मिशन के तहत हर माह क्रियान्वित कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा
कि नर्मदा के तटों पर पेड़ लगाने के लिए पंजीयन की वेबसाइट आगामी 24 मई को लांच होगी। मिशन के तहत नर्मदा के दोनों तटों पर छह करोड़ पौधे लगाए जाऐंगे। बैठक में बताया गया कि भोपाल में आगामी एक जून को ग्लोबल स्किल समिट आयोजित की जाएगी। इसमें अलग-अलग मुद्दों पर छह सेमिनार होंगे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा के निर्माण के लिए धातु संग्रहण का अभियान आगामी 15 जून से 15 जुलाई तक चलेगा।
यह प्रतिमा ओंकारेश्वर में स्थापित होगी। इसके पहले भोपाल में 25 मई को संत सभा का आयोजन किया जाएगा। प्रदेश में आदि शंकराचार्य से जुड़े पांच स्थान ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर, पंचमठा, उज्जैन और अमरकंटक से पांच यात्राएं निकाली जाऐंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंत्री प्रत्येक सोमवार और मंगलवार को भोपाल में रहें। हर सोमवार को वे अपने-अपने विभाग की समीक्षा करें तथा लक्ष्य पूर्ति कराऐं। साथ ही अपने विभाग की प्रगति की जानकारी मुख्यमंत्री डेस्क बोर्ड पर उपलब्ध कराऐं।