मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने नेशनल एजिलिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (नीट) परीक्षा में निर्धारित आयु की अधिकतम सीमा के नियम को निरस्त कर दिया है।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और न्यायाधीश एस के गंगेले की युगलपीठ ने बुधवार को छात्र दीपिका उपाध्याय की ओर से नीट परीक्षा में शामिल होने के लिए निर्धारित की गई आयु सीमा को चुनौती देते हुए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अहम फैसला सुनाया है।
याचिका में कहा गया कि नीट परीक्षा में न्यूनतम आयु 17 और अधिकतम आयु 25 वर्ष होना चाहिए। अधिकतम आयु के लिए जन्म तिथि 8 मई 1992 तथा न्यूनतम आयु के लिए जन्म तिथि 1 जनवरी 2001 निर्धारित की गई है। नीट परीक्षा के लिए निर्धारित उम्र की सीमा संविधान की धारा 14 व 19 का उल्लंधन है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आदित्य संधी ने न्यायालय को बताया कि इसके पूर्व एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पीएमटी परीक्षा आयोजित करवाई जाती थी। पीएमटी परीक्षा में शामिल होने के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं थी।
इस वर्ष से एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के लिए नीट परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। आयु सीमा निर्धारित करने से वह छात्र प्रभावित होंगे जो विगत वर्षो से परीक्षा की तैयारी कर रहें है।
उन्होंने न्यायालय को बताया कि याचिकाकर्ता छात्रा वर्ष 2015 से परीक्षा की तैयारी कर रहीं है। उम्र निर्धारण के संबंध में पूर्व में भी कोई घोषणा नही की गई थी और एकाएक निर्णय ले लिया गया।
वहीं दूसरी ओर एमसीआई की तरफ से उपस्थित हुए अधिवक्ता इंद्रा नायर ने न्यायालय को बताया कि उम्र निर्धारण के नियम को गलत करार देते हुए कमेटी ने उसे समाप्त करने के लिए गर्वंनिग काऊंसिंलिग के पास भेजा है। जिसके बाद युगलपीठ ने यह आदेश जारी किए।