भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने आज कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ किसानों के कर्ज माफ करने के प्रयास अवश्य कर रहे हैं, लेकिन यह भी सच्चायी है कि राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। मध्यप्रदेश के किसानो के कर्जे माफ नहीं होने के संबंध में मीडिया में आए अपने बयान के संदर्भ में पूछे जाने पर आज यहां यूनीवार्ता से चर्चा में सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के समय दस दिनों में किसानों के कर्ज माफ करने का वचन दिया था।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सत्ता में आते ही इस दिशा में कार्य भी किए, लेकिन यह सच्चायी है कि राज्य के किसानों के कर्जे दस दिनों में माफ नहीं हो पाए हैं। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने दस दिनों में कर्ज माफ करने का वादा किया था। लेकिन यह नहीं हो पाया है, इसलिए श्री गांधी को इस संबंध में माफी मांग लेना चाहिए। इसके बाद गांधी को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि किसानों के कर्ज कितने समय में माफ हो जाएंगे।
राज्य सरकार की ओर से लगभग 20 लाख किसानों के कर्ज माफ करने संबंधी दावे के बारे में पूछे जाने पर लक्ष्मण सिंह ने कहा कि श्री कमलनाथ ने किसानों के कर्ज माफ करने संबंधी फाइल पर दस्तखत किए। इसके बाद किसानों को कर्जमाफी संबंधी प्रमाणपत्र भी दे दिए गए। सिंह का कहना है कि लेकिन उनकी जानकारी के अनुसार 20 लाख किसानों में से लगभग एक तिहायी किसान ऐसे हैं, जिनके खाते में पैसे अभी भी नहीं पहुंचे है। इसलिए किसान परेशान हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुज लक्ष्मण सिंह ने दोहराते हुए कहा कि कमलनाथ बेहतर कार्य कर रहे हैं और करना चाहते हैं, लेकिन राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। राज्य सरकार पहले ही कर्ज ले चुकी है। अब बारिश काफी हुयी है। सरकार को फिर से कर्जा लेना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में हमारे नेताओं को सच्चायी स्वीकार कर किसानों को बताना चाहिए कि उनके कर्ज कब तक माफ हो जाएंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वे इस मामले को पार्टी फोरम में उठा चुके हैं, सिंह ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उनके समेत अनेक विधायक यह मामला उठा चुके हैं। नवंबर दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने किसानों के कर्ज माफ करने का वचन दिया था। कमलनाथ ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तत्काल बाद किसानों की कर्जमाफी संबंधी फाइल पर सबसे पहले दस्तखत किए थे। सरकार का कहना है कि लगभग 20 लाख किसानों के कर्ज माफ किए जा चुके हैं।