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सरकारी जमीन पर बने मठमंदिरों के पट्टे दे दे सरकार : दिग्विजय

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 17 2019 3:43PM | Updated Date: Sep 17 2019 3:43PM
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भोपाल। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि राज्य सरकार सरकारी जमीनों पर बने धर्मस्थलों का सर्वे करवा कर उस भूमि का पट्टा उस धर्मस्थल को दे दे। सिंह आज यहां आध्यात्म विभाग की ओर से आयोजित संत समागम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ और जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा समेत बड़ी संख्या में संत समाज के सदस्य मौजूद थे। सिंह ने कमलनाथ से अनुरोध किया कि राज्य सरकार शासकीय भूमि पर बने धर्मस्थलों का सर्वे करवा कर उनके पट्टे धर्मस्थल को दे दे।
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वचनपत्र में भी ये बात शामिल थी। कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि सनातन धर्म विश्व में सबसे पुराना है, शेष सभी अपने-अपने विचारों से विकसित हुए हैं। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि भगवा वस्त्र धारण कर लोग अनुचित कार्य कर रहे हैं। सनातन धर्म को बदनाम करने वाले ऐसे लोगों को ईश्वर भी माफ नहीं करेगा। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि देश भर में मठमंदिरों को राजनीतिक अड्डा बनाने का प्रयास हो रहा है। इसके खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।
 
सनातन धर्म वाले स्वयं का राजनीतिक उपयोग नहीं होने दें। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रीवा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संस्कृत पाठशाला खुलवाई थी, लेकिन केंद्र और तत्कालीन राज्य सरकार ने उसे बंद कर दिया। इसी दौरान उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने धर्म के नाम पर सत्ता हथियाई, उन्होंने संस्कृत पाठशाला बंद करवा दी। उन्होंने कहा कि संस्कृत पाठशालाओं की देखभाल की भी राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। आध्यात्म विभाग इस बारे में भी सोचे। कार्यक्रम में सिंह ने मंच से 'जय सियाराम' के नारे लगवाते हुए कहा कि ये नारा वास्तव में 'जय सियाराम' ही होना चाहिए।
 
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