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चंबल नदी खतरे के निशान से पांच मीटर ऊपर तक बह रही

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 17 2019 12:49AM | Updated Date: Sep 17 2019 12:53AM
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मुरैना। मध्यप्रदेश के मंदसौर और आसपास के जिलों में हुई भारी वर्षा के कारण गांधीसागर से कोटा बैराज होते हुये चम्बल नदी में पिछले 3 दिनों में लगभग 15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने और पार्वती नदी के ऑवरफुल होने से चम्बल नदी खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर तक बह रही है। चम्बल नदी के किनारे से लगे हुये 85 गांव बाढ़ से प्रभावित हुये है। इनमें से आज प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 20 गांव के 2 हजार 275 लोगों को राहत कैम्पों में पहुंचाया है। इन क्षेत्रों में 22 राहत कैम्प खोले गये है। प्लाटून कमान्डेन्ड गोविन्द शर्मा ने बताया कि रबड़ की नाव बिजली के पोल से टकराने से उसकी हवा निकल जाने के कारण बचाव के दौरान दो लड़कियां, जिसमें ढाई वर्ष की सुमानी और 3 वर्ष की रोनक की मृत्यु हो गई है। दोनों बच्चियां किटोली गांव की बताई गई है।
 
चम्बल संभाग की कमिश्नर रेनू तिवारी, चम्बल रेन्ज के आई.जी. डी.पी. गुप्ता ने आज भिण्ड जिले का भ्रमण करके प्रशासन द्वारा चलाये गये रेस्क्यू के बचाव कार्यों को देखा। मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया। वे राहत कैम्पों में भी पहुंची। जहां अधिकारियों को बाढ़ पीड़ितो के लिये भोजन, कपड़े, दवाईयां सहित अन्य व्यवस्थायें करने के निर्देश दिये। भू-अभिलेख की अधीक्षक काजल दीक्षित ने बताया कि अभी तक मुरैना जिले के 20 गांव के 2 हजार 275 लोगों को राहत कैम्पों में पहुंचाया गया है। प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कई स्थानों पर आर्मी, एस.ए.एफ और होमगार्ड, एस.डी.आर.एफ के जवानों को तैनात किया गया है।
 
उन्होंने बताया कि बीलपुर के 100, कुथियाना के 200, बंधा के 100, धनीराम के पुरा में 150, खिरेटा, नदुआ पुरा, भानपुर के 10-10 लोग, गया पुरा के 70, नयापुरा के 45, बरसैना के 170, बरवासिन के 610, हुराव के 200, खिरेटा के 110, कैमराकलां के 70, गडूला और गोदुली के 25-25 लोगों को उनके घरों से निकालकर राहत कैम्पों में पहुंचाया है। इसी प्रकार किटोली गांव के 180, बड़वना के 75, घेर के 100 और सरसैनी के 15 लोगों को राहत कैम्पों में पहुंचाया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के 27 शासकीय, अशासकीय स्कूलों में 18 और 19 सितम्बर 2019 को अवकाश घोषित कर दिया है।
 
भिण्ड जिले के अटेर क्षेत्र के चम्बल नदी किनारे के मुकुटपुरा, दिन्नपुरा, नावली वृन्दावन, रमाकोट, खैराहट, नखनोली की मढैयन, कोषण की मढैयन, चिलोंगा आदि ग्रामों में फसे व्यक्तियों को प्रशासन द्वारा रेस्क्यू आॅपरेशन चलाकर राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपेरशन द्वारा नखनोली की मढैयन एवं कोषण की मढैयन से लगभग 90 प्रतिशत लोगो को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और उन्हें जिला प्रशासन द्वारा बनाये गए राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है। इसी प्रकार मुकुटपुरा, देवालय, नावली वृन्दावन, दिन्नपुरा, रमाकोट में रेस्क्यू आपरेशन जारी है। जिला प्रशासन, होमेगॉर्ड एवं सेना द्वारा लगातार लोगो को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। चंबल कमिश्नर रेनू तिवारी एवं आईजी चंबल डीपी गुप्ता ने अटेर के डूब प्रभावित ग्रामों का मुआयना कर फसे हुए व्यक्तियों की जानकारी ली एवं रेस्क्यू आॅपेरशन को और गति देने के निर्देश दिए।
 
कलेक्टर भिण्ड छोटे सिंह एवं पुलिस अधीक्षक रुडोल्फ अल्वारेस बाढ़ की स्थिति पर कड़ी निगरानी बनाये रखे हुये है। कलेक्टर एवं एसपी बाढ़ प्रभावित स्थानों पर चलाए जा रहे रेस्क्यू आपरेशन पर उपस्थित रहकर स्थिति पर अपनी पकड़ बनाये हुए है। साथ ही राहत शिविरों में सभी व्यवस्था पूर्ण रहे इसकी भी निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा रोशनलाल दैपुरिया महाविद्यालय सुरपुरा, हाईस्कूल विण्डवा, आईटीआई अटेर, मघेरा, शासकीय स्कूल रमाकोट में बनाये गये राहत शिविरों में लाये गए व्यक्तियों हेतु खाने, पीने के इन्तजाम खाद्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। पशुओं के ईलाज हेतु पशु चिकित्सक तैनात किये गये है। कलेक्टर ने बताया कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। आपदा प्रबंधन से जुड़े कर्मचारी, अधिकारी पूरी तरह से सहयोग कर रहे है। इसी तरह होमगार्ड की नाव, बोट सहित सुरक्षा प्रबंध के संस्थान उपलब्ध कराये गये हैं जल संसाधन, सेतु विकास निगम के सुरक्षा अधिकारी राजस्व का पूरा अमला इस मुहिम में लगा हुआ है। लगातार मोबाइल, दूरभाष सहित वायरलैस से अधिकारी सम्पर्क में बने हुये है।
 
श्योपुर जिले में नदी क्षेत्र के 33 गांवों के 6300 ग्रामीण प्रभावित हुए हैं। इन गावों में 6 राहत रेस्क्यूटीम के माध्यम से कार्यवाही जारी है। कलेक्टर बसंत कुर्रे ने बताया कि चंबल नदी में कोटा बेराज से छोड़े गए पानी से श्योपुर जिले के 33 गावों के 6300 ग्रामीणों को शिफ्ट करने की कार्यवाही जारी है। ग्रामीणों को पंचायत मुख्यालय पर बनाए गए 6 राहत शिविरों में शिफ्ट करने का कार्य प्रचलित है। बुलाई गई सेना को दो भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें एक भाग जवासा के क्षेत्र में एवं दूसरा भाग सामरसा गांव में विभाजित किया गया। सामरसा गांव में क्षेत्रीय विधायक बाबू जण्डेल, एसडीएम रूपेश उपाध्याय द्वारा करीबन 250 ग्रामीणों को सामरसा पुलिस चोकी जो ऊंचाई पर स्थित है। वहां शिफ्ट करने की कार्यवाही की गई।
 
इसके पूर्व करीबन 70 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है। इसी प्रकार आर्मी की दूसरी टीम जवासा क्षेत्र में जो ग्रामवासी शेष रह गए हैं। उन ग्रामवासियों को समझाइश देकर पंचायत स्तर पर शिविर में लाने की कार्यवाही कर रही है। इसी प्रकार राहत एवं बचाव कार्य में होमगार्ड के 18, आर्मी के 25, पुलिस के 14 टीमों के अलावा विभागीय अधिकारी तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी चंबल नदी के किनारे के गांवों में सतत् निगाह रख रहे हैं। इसके अलावा राजस्व टीमें गठित की जाकर होने वाले नुकसान का आंकलन कर रही है। इसके बाद आरबीसी 6(4) के अंतर्गत राहत के प्रकरण तैयार कर प्रभावितों को सहायता प्रदान की जावेगी।
 
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