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कर्जमाफी की घोषणा में आदेश बदल कर सरकार ने किया किसानों के साथ धोखा : नरोत्तम

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 11 2019 5:23PM | Updated Date: Jul 11 2019 5:23PM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा ने आज सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने कर्जमाफी की घोषणा में आदेश बदल कर किसानों के साथ धोखा किया है। मिश्रा ने विधानसभा में वर्ष 2019-2020 के आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा की शुरुआत करते हुए सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर व्यंग्यात्मक शैली में जमकर घेरा।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों पर 48 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है, लेकिन सरकार ने बजट में मात्र आठ हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। मिश्रा ने आरोप लगाया कि कर्जमाफी की घोषणा में आदेश बदल कर सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया। किसान आत्महत्या कर रहे हैं और बिजली की उपलब्धता नहीं होने से बोवनी नहीं हो रही। उन्होंने राज्य में बार-बार हो रहे स्थानांतरणों पर भी सरकार को घेरा।
 
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर खाली खजाना छोड़ने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस सरकार ने प्रशासनिक व्यय में 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि लगा दी। इसी दौरान उन्होंने मंत्रियों के बंगलों पर हुए व्यय को लेकर अपने एक सवाल के सरकार द्वारा दिए जवाब का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि करोड़ों रुपए मरम्मत के नाम पर लगाए गए हैं। इसी बीच मंत्री सुखदेव पांसे की एक टिप्पणी पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि उन्होंने अपने बंगले के लिए काम को लेकर सरकार को कोई पत्र नहीं लिखा।
 
उन्होंने चुनौती दी कि अगर कोई उनका लिखा ऐसा एक पत्र भी सामने ला दे तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे। मिश्रा ने सरकार पर भाजपा कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाने का भी आरोप लगाया। सामान्य चर्चा में शामिल हेते हुए कांग्रेस विधायक राज्यवर्धन सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार के समय में मांस व्यापार बढा। मौजूदा सरकार गौभक्तों की सरकार है और अब तक किसी मुख्यमंत्री ने गौशालाओं की चिंता नहीं की। उन्होंने कहा कि पहला गौसेवक आयोग कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के शासनकाल में बना।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पूर्व मंत्री मिश्रा को मौजूदा सरकार के समय आत्महत्या करने वाले 71 किसान दिखाई दिए, लेकिन पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय आत्महत्या करने वाले 20 हजार किसानों की उन्होंने कोई सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि मंदसौर में गोलीकांड में मरने वाले छह किसानों को तत्कालीन सरकार ने एक-एक करोड़ रुपए दिए, लेकिन आत्महत्या करने वाले दूसरे किसानों के बारे में सरकार ने चिंता नहीं की। उन्होंने आगे कहा कि मंदसौर में छह किसानों की हत्या के लिए दोषी लोगों पर धारा 302 का प्रकरण बनाया जाए।
 
 
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