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पानी का अधिकार कानून बनाने की पहल करने में मध्यप्रदेश अग्रणी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 25 2019 1:17AM | Updated Date: Jun 25 2019 1:17AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा है कि मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जो पानी के अधिकार की शुरूआत करने जा रहा है। पांसे आज यहाँ 'राइट टू वॉटर'' विषयक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश में पहले अनेकानेक महत्वपूर्ण अधिकार अस्तित्व में आये, परंतु जो अधिकार सबसे पहले बनना चाहिये था, वह हमारे प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री कमलनाथ की अवधारणा के आधार पर अब आकार ले रहा है। 'राइट टू वॉटर' इसकी पहली कड़ी है। उन्होंने कहा कि पानी का अधिकार कानून बनाने के लिये कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और कानून विशेषज्ञों के सुझावों पर मंथन के बाद इसमें जनता की भागीदारी सुनिश्चित कर कानून का रूप दिया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में यह कार्यशाला अत्यंत प्रासांगिक है। इसमें भूमिगत जल भंडारों के संवर्द्धन की नई तकनीकों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि 'राइट टू वॉटर'' मात्र सरकार का कानून नहीं होगा, वरन् इसमें आम जनता की भागीदारी भी होगी। जनता की भागीदारी से कानून बनाया जायेगा। उन्होंने पानी की बचत करने एवं भू-जल भंडार बढ़ाने के नये तरीकों पर विचार करने का आव्हान भी किया। कार्यशाला में प्रख्यात जल शास्त्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पानी के अधिकार को कानूनी दर्जा देने के लिये क्रांतिकारी कदम उठाया है।

उन्होंने जल साक्षरता अभियान चलाकर आम लोगों को जाग्रत करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि हम धरती से अनवरत पानी निकालते रहते हैं परंतु उसमें पानी डालने की हमने न तो चिंता की और न ही प्रयास किये। इसके चलते देशभर में पीने के पानी की समस्या विकराल रूप में सामने आ रही है। हमें इस स्थिति को बहुत गंभीरता से विचार कर जल संरक्षण के सघन प्रयास करने होंगे। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास गौरी सिंह ने बताया कि पंचायतों में रोजगार गारंटी योजना में सभी ग्राम पंचायतों में एक तालाब का निर्माण करवा कर जल संरक्षित किया जाएगा।

प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला ने कार्यशाला के उद्देश्य की जानकारी दी। प्रमुख सचिव नगरीय विकास संजय दुबे, प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल सहित विषय-विशेषज्ञ, कानूनविद् और विभिन्न विभागों के अधिकारी कार्यशाला में मौजूद थे। देश-प्रदेश के तकरीबन 30 विषय विशेषज्ञों ने कार्यशाला में भागीदारी की। पांसे ने राजेन्द्र सिंह की पुस्तक 'गंगा की अविरल यात्रा' और अमृतलाल बेगड़ की पुस्तक ' तीरे-तीरे-नर्मदा' का विमोचन किया।

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