मंदसौर। मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में लोकसभा निर्वाचन में मतदाताओं को मतदान करने के लिये प्रेरित करने में आदर्श मतदान केन्द्रों सहित दिव्यांगों, शतायु और महिला मतदाताओं के लिये उपलब्ध सुविधाओं की भूमिका सराहनीय रही। सुविधाओं से मतदाताओं को लम्बी लाइन की परेशानी से मुक्ति मिली। मतदाताओं के बैठने के लिये सोफे, छाया के लिये टैंट, पीने के पानी और शौचालय की व्यवस्था के साथ बच्चों के लिए खेलकूद और देखभाल की व्यवस्था भी की गयी। जिले के चार विधानसभा क्षेत्र में 40 आदर्श मतदान केन्द्र बनाये गये। दिव्यांग मतदाता अब्दुल मुल्ला दत्ता सबसे पहले मुल्तानपुरा मतदान केंद्र पर मतदान करने पहुँचे। इन्हें रैम्प सहायक एवं वािलिंटियर सम्मान से मतदान केंद्र तक ले गए और मतदान में मदद की। उन्हें सुगम्य पास दिया गया, जिससे लाइन में नहीं लगना पड़ा।
जिले के कई मतदान केंद्रों में महिला मतदाताओं की लाइन पुरुष मतदाताओं की लाइन से भी लम्बी दिखी। मन्दसौर के मतदान क्रमांक 40 पर जब हसीना बी अपने 7 माह के बच्चे को लेकर मतदान करने पहुँची, तो वहाँ पर आँचल घर की व्यवस्थाओं से बहुत प्रसन्न हुई। आँचल घर में उनके बच्चे की देखभाल के लिए आंगनवाड़ी सहायिका के साथ खिलौने, झूला आदि सभी तरह की व्यवस्थाओं से उसे मतदान में बिलकुल परेशानी नहीं हुई। हसीना बी ने कहा कि हमने पहले भी मतदान किया है लेकिन ऐसी सुविधाएँ कभी नहीं मिलीं। जिले के शतायु मतदाताओं ने कहा कि फोर्स के सहयोग से हमारे हौसले बुलंद रहे। फोर्स के जवान मतदान केंद्र के बाहर से ही हमारा हाथ थाम कर मतदान कक्ष तक ले गये। इससे मतदान में बहुत आसानी हुई। इन मतदाताओं ने बताया कि मतदान के बाद फोर्स ने उन्हें ससम्मान मतदान कक्ष से बाहर तक भी छोड़ा। मतदान कक्ष में बैठने के लिए सोफे और कुर्सियों की व्यवस्था की गई थी। प्यास लगी तो शुद्ध पेयजल भी मिला। छाँव के लिए टेंट की व्यवस्था थी तो गर्मी से बचाव के लिए पंखे भी चल रहे थे। जिले में मतदान को लेकर युवाओं में काफी उत्साह रहा। पहली बार मतदान करने वाले मुकेश चौहान, नरेन्द्र, प्रियंका जैन सहित युवाओं ने अपने मत का उपयोग किया। युवाओं का कहना था कि- 'हमने भी लोकतंत्र में अपना दायित्व निभाया है। सोच-समझकर मत का उपयोग किया।''