इंदौर। देश के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी. रावत ने आज कहा कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। रावत ने यहां पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि अलबत्ता जिन हाथों में ईवीएम रहती है और इससे जुड़ी व्यवस्थाओं में जो लोग रहते हैं, उन पर जरूर संदेह किया जा सकता है।
लेकिन ईवीएम पूरी तरह विश्वसनीय है। निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर राजनैतिक दलों की ओर से लगाए जाने वाले आरोपों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि राजनीति से जुड़े लोग निर्वाचन आयोग को 'पचिंग बैग' की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 90 करोड़ मतदाताओं वाले देश में आम चुनाव संपन्न कराना बड़ी चुनौती रहता है।
लेकिन भारत निर्वाचन आयोग साल दर साल परिपक्व चुनाव सुधार के साथ आगे बढ़ रहा है। रावत ने कहा कि आयोग की परिकल्पना करने वाले संविधान निर्माताओं को जानकारी रही होगी कि आयोग के लिये भविष्य में निष्पक्ष चुनाव कराना चुनौती होगा। लिहाजा आयोग को संविधान के तहत प्रभावी शक्तियां प्रदान की गयी हैं।
इनके अनुरूप आयोग राष्ट्रपति और राज्यपाल से जितने लोग और संसाधन चुनाव कराने के लिए मांगते हैं, उन्हें उपलब्ध करवाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव नौ चरणों में हुए थे। इस बार लोकसभा चुनाव सात चरणों में कराए जा रहे हैं। इसी तरह भविष्य में और भी कम समय में चुनाव कराने के प्रयास किये जायेंगे। चुनाव में काले धन के उपयोग पर चिंता जाहिर करते हुये श्री रावत ने कहा इस तरह के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिन्हे रोके जाने की आवश्यकता है।