अशोकनगर। मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के करीला धाम में रंगपंचमी पर लगने वाले सबसे बड़े मेले में आज आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। करीला पहुंचने के लिए रविवार शाम छह बजे से नेशनल हाईवे पर शुरू हुई वाहनों की कतार आज रात तक जारी रही। पहुंच मार्गों पर तीन से चार किमी दूर तक पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ रही। ऐसे में हजारों श्रद्धालुओं को पहाडियों और झाडियों के ऊपर से निकलकर करीला पहुंचना पड़ा। श्रद्धालुओं ने मां जानकी के दर्शन किए और मन्नत पूरी होने पर हजारों की संख्या में राई नृत्य भी कराए।
करीला ट्रस्ट अध्यक्ष महेंद्रंसिंह यादव के मुताबिक करीब 25 लाख श्रद्धालु इस बार करीला पहुंचे। साल भर में एक बार सिर्फ रंगपंचमी के दिन खुलने वाली महर्षि बाल्मीकिजी की गुफा को ट्रस्ट ने साफ कराकर फिर से एक साल तक की धूनी की सामग्री रखकर गुफा को बंद किया। करीला स्थित मां जानकी के दरबार में आने वाले लाखों लोगों के स्वागत के लिए क्षेत्रवासी भी सड़कों पर तैयारी के साथ खड़े हुए नजर आए। इसके लिए नेशनल हाईवे पर मुंगावली सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह ग्रामीणों ने खाना, नाश्ता और ठंडे पेयजल के इंतजाम किए। अशोकनगर जिले का ये मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां मां जानकी अपने बेटों लव और कुश के साथ विराजीं हैं।