इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने आज स्वास्थ्य विभाग को स्वाइन फ्लू की पहचान और उपचार में पूरी गंभीरता के निर्देश देते हुये कहा कि उपचार में लापरवाही अक्षम्य है। त्रिपाठी ने इंदौर में स्वाइन फ्लू से हुयी मौतों की प्रकरणवार रिपोर्ट तलब की। जिले में एक जनवरी 2019 से अब तक स्वाइन फ्लू संक्रमण से उपचाररत 40 मरीजों की मौत हो चुकी है। आधिकारिक जानकारी अनुसार संभागायुक्त ने आज अपने कार्यालय में स्वाइन फ्लू की रोकथाम और उपचार की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने संभाग के सभी जिलों में स्वाइन फ्लू के स्क्रीनिंग सेंटर को क्रियाशील करने के निर्देश दिये।
स्वाइन फ्लू की रोकथाम और उपचार की व्यवस्था पर जागरूकता अभियान के निर्देश भी दिये है। बैठक में बताया गया कि एम.वाय. हॉस्पिटल में हाल ही में स्वाईन फ्लू से मृत्यु के 5 ऐसे प्रकरण आये हें, जिनमें मरीज शहर के ही निजी अस्पतालों में उपचाररत थे। लेकिन बाद में उन्हें एम.वाय. में भर्ती करा दिया गया था। संभागायुक्त त्रिपाठी ने इस विषय पर जांच के निर्देश दिये कि निजी अस्पतालों द्वारा ऐसे क्रिटीकल समय में मरीजों को क्यों डिस्चार्ज किया गया। उन्होंने साफ कहा कि निजी अस्पताल ऐसे मरीजों को बेहतर उपचार करें। केवल चिकित्सा व्यय के आधार पर मरीजों को डिस्चार्ज किया तो ऐसे में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जायेगा। त्रिपाठी ने एकीकृत बीमारी सर्विलेंस प्रोजेक्ट के तहत उन क्षेत्रों का सर्वे करने के निर्देश दिये जहाँ स्वाईन फ्लू की अधिक शिकायत मिली है।