जबलपुर। मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा के खिलाफ दायर एक याचिका को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। श्री शर्मा द्वारा चुनाव के लिए दाखिल नामांकन फार्म में न्यायालय द्वारा जारी जमानती वारंट की जानकारी छुपाये जाने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की गयी थी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस के सेठ व न्यायमूर्ति व्ही के शुक्ला की युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि याचिका पूरी तरह से दुर्नियोजित है। इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता संतुष्ट नहीं है
तो उचित फोरम में आवेदन कर सकता है। इस आदेश के साथ युगलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया। भोपाल निवासी भुवनेश्वर प्रसाद मिश्रा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि अनावेदक श्री शर्मा ने दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था। नामांकन फार्म में अपराधिक प्रकरणों की जानकारी में उन्होंने जहांगीराबाद थाने में दर्ज आपराधिक प्रकरण का उल्लेख किया था, लेकिन इस बात का उल्लेख नहीं किया था कि प्रकरण में न्यायालय ने उनके खिलाफ पांच हजार रूपये का जमानती वारंट जारी कर रखा है। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता शशांक शेखर ने पैरवी की।