20 Apr 2024, 08:31:45 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

लव मैरिज हो या अरेंज मैरिज खटपट तो सभी कपल्स के बीच होती रहती है। कई एक्सपर्टस तो इसे प्यार का आधार भी मानते हैं। रिश्तों को अच्छी तरह से निभाने के लिए यह जरूरी भी है लेकिन ये नोकझोंक मामूली तकरार तक ही सीमित रहें तो अच्छा हैं। कई बार ये नोकझोंक टकराव का रूप ले लेती है। ऐसे में स्थितियों और तथ्यों को जानकर समझने का प्रयास करें। विशेषज्ञों का कहना है कि जो दंपति शांत दिख रहे होते हैं या जिनके बीच नोकझोंक बिल्कुल नहीं होता तो जान लीजिए कि वहां खतरे की संभावना ज्यादा है। विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसे संबंधों में आपसी प्रेम का अभाव होता है। रिश्तों में यदि कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो इनकी मिठास बनी रह सकती है।
 
फीलिंग्स को समझें- हर स्त्री के लिए यह समझना जरूरी है कि उसका पति किसी का बेटा, किसी का भाई और किसी का मित्र है। विवाह के बाद सारे रिश्ते समाप्त नहीं हो जाते। हर रिश्ते की अपनी मांग होती है। आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आप उन रिश्तों को निभाने में पति का सहयोग करें। आप इन रिश्तों को अपना समझेंगी तो समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी।
 
सहनशील बनें- जीवन में सबसे जरूरी है सहनशीलता। सहनशक्ति के बल पर व्यक्ति बड़ी से बड़ी लड़ाई जीत सकता है। किसी भी स्थिति में दिमागी संतुलन न बिगड़ने दें। दांपत्य में सहनशीलता की खासी भूमिका है।
 
कोई भी बात धीरे और प्यार से कहें- यदि आपको पति की कोई बात या आदत पसंद नहीं है तो चिल्ला-चोट करने की बजाए उन्हें प्यार से और धीमी आवाज में अपनी बात कहें। इससे आपकी बात का ज्यादा असर होगा।
मनोविश्लेषकों के अनुसार, स्त्री ने अपने आपको हर क्षेत्र में सिद्ध करके दिखाया है। हालांकि इस चुनौती को स्वीकार करने में उसे बहुत सी समस्याओं को झेलना पड़ता है। इन समस्याओं के चलते वह अपने बारे में नहीं सोच पा रही है। यह मुख्य वजह है दांपत्य में बढ़ते तनाव की। अपने और परिवार के लिए समय निकालना बेहद जरूरी है। महिलाएं अपनी छोटी-छोटी इच्छाओं और आकांक्षाओं को वह अनदेखा कर देती है। यही लापरवाही धीरे-धीरे अवसाद का कारण बन जाती है। इसलिए शांति से बैठकर सोचें कि आप कहां है।
 
यह आवश्यक नहीं कि झगड़ा हमेशा बात करने से ही खत्म होगा। कभी-कभी दूसरे का मनपसंद खाना बनाने से, उनकी इच्छानुसार आचरण करने से भी आप अपनी आत्मीयता आसानी से व्यक्त कर सकती हैं। कोशिश ऐसी भी करें कि वातावरण हलका-फुलका बने। घर से कहीं बाहर जाना भी कभी-कभी हितकर होता है।
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