अफसोस कि अधिकांश पुरूष महिला के सिर्फ पति ही बन कर रह जाते हैं। हमदर्द या हमराही नहीं बन पाते हैं। पति देव पत्नी का दर्द समझना तो दूर संवेदना व्यक्त नहीं की अफसोस जाहिर नहीं किया तो उसे पत्नी की निकटता भी नहीं मिली।
उलटे वह अपनी पत्नी की नजर में खूंखार, बर्बर और निर्दयी व्यक्ति बन गया। जरा आप ही सोचिए, जो पति की नजर में एक खूंखर और बर्बर व्यक्ति बन जाएगा तो क्या कभी वह प्यार की बूंद को पी सकेगा।
शादीशुदा जिन्दगी में समय ना दे पाने की वजह से मिया-बीवी में मन मुटाव पनपने लगता है। शादी का रिश्ता बहुत ही संवेदनशील होता है, जिसको आपसी विश्वास, प्यार और देखभाल की जरूरत होती है। इस रिश्ते का भार जितना ही पति के सिर पर होता है उतना ही बीवी के ऊपर भी होना चाहिए।
एक पति को अपनी पत्नी के समर्थन की बहुत जरूरत होती है जिससे वह अपने काम तथा व्यक्तिगत जीवन पर अच्छे से ध्यान दे सके। वह अपने साथी को हल्के में नहीं ले सकता तथा उसे यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी पत्नी उससे शादी कर के खुश है।
दूसरे शब्दों में कहें तो उसे पता होना चाहिए कि अपनी पत्नी को किस तरह प्रभावित किया जाए। अगर आपकी भी पत्नी आपसे गुस्सा रहती है तो उसे पटाने के यहां पर कुछ जोरदार नुस्खे दिये हुए हैं जो पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं।
पत्नी है, तो इसका मतलब यह नहीं कि आप हमेशा उन्हें टेकन फॉर ग्राटेंड ही लें। इस रिलेशनशिप में भी कभी- कभार फॉर्मल होना जरूरी है। इससे प्यार बना रहता है। इसके लिए आप ई- मेल व एसएमएस का सहारा भी ले सकते हैं।