शादी किसी भी कपल की लाइफ का सबसे खूबसूरत पल होता है। शादी से जहां दो दिल मिलते हैं, वहीं दो परिवारों का मेल होता है। रिश्तेदारों के आशीर्वाद से दुल्हा-दुल्हन अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं। भारतीय शादी में कई तरह की रस्में की जाती हैं। पंजाबी शादी में चूड़ा और कलीरे का बहुत महत्व है। शादी के दिन दुल्हन के घर पर चूड़ा और कलीरे की रस्म की जाती है।
चूड़ा :
एक पंजाबी शादी की मीठी और कभी न भूलने वाली यादों के अलावा सबसे स्पेशल है चूड़े की रस्म। इसे दुल्हन के मामा-मामी लेकर आते हैं। ये 21 चूड़ियों से बना होता है, जो कि लाल और सफेद रंग की होती है। आजकल तो कई तरह के चूड़े मार्केट में आए हुए हैं। आजकल तो लड़कियां इस पर अपना और अपने पति का नाम लिखवाती हैं।
चूड़ा समारोह में हवन किया जाता है। इसे पहले चूड़े को कच्ची लस्सी में डाल दिया जाता है। सभी रिश्तेदार चूड़े को हाथ लगाकर अपना आशीर्वाद देते हैं। इसके बाद इसे लड़की को पहना दिया जाता है और लड़की के हाथों को सफेद कपड़े के साथ बांध दिया जाता है। दुल्हन अपनी शादी तक चूड़़े को देख नहीं सकती। नई नवेली दुल्हन की पहचान चूड़ा से ही होती है।
कलीरे:
चूडे के साथ अम्ब्रेला-शेप्ड हैंगिंग्स पहनाए जाते हैं, जिसे कलीरे कहा जाता है। दुल्हन की बहनें और दोस्त इसे बांधते हैं। बहनें,रिश्तेदार और दोस्त कलीरे बांध कर दुल्हन को आशीर्वाद देती है कि वह जिंदगी में हमेशा खुश रहें। मार्केट में कलीरे कई तरह के मिलते हैं। लड़की चूड़ा और कलीरे पहनकर कुवांरी लड़कियों के सिर पर छनकाती है।
माना जाता है कि जिस लड़की के सिर पर कलीरा गिरे, तो अगली शादी उसी की होगी। शादी के अगले दिन दुल्हन का एक कलीरा उतार कर मंदिर में चढ़ा दिया जाता है और बाकी कलीरे लड़की अपने पास रखती है।