नीम बहुत गुणकारी है। अमेरिका में बहुत सी दवाईयां नीम की पत्तियों ही नहीं, निंबोली से भी बनती हैं। आप भी नीम के महत्व को जानकर उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
मलेरिया: नीम के बीज मलेरिया के प्रभावी उपचार के लिए उपयोग किया जाता है और नीम के पीसे हुए बीजों की दुर्गन्ध से मच्छरों को दूर रखने में मदद मिलती है।
त्वचा: नीम के बीज का तेल का इस्तेमाल हर्बल उत्पादों के रूप में किया जाता है। इससे त्वचा नर्म, बेदाग और चमकदार बनती है। नीम के बीज से बने तेल में मौजूद प्राकृतिक एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण त्वचा संबंधी कई समस्याओं जैसे सोरेसिस, एक्जिमा, मुहांसों आदि को दूर करते हैं।
कीटाणु : पालतू जानवर के कीटाणुओं से संक्रमित होने पर नीम के बीज असरदायक हैं। उनके बालों में नीम के बीज से बना तेल लगाएं। इससे उनके बालों में मौजूद कीटाणु दूर हो जाएंगे।
बाल : बालों के झड़ने और डैंड्रफ जैसी समस्याओं से परेशान हैं, तो नीम के बीज से बने तेल के इस्तेमाल से आपको फायदा मिल सकता है।
किडनी -प्रोस्टेट : नीम के बीजों और पत्तों से बनी चाय सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होती है। यह किडनी, मूत्राशय और प्रोस्टेट से संबंधित बीमारियों के उपचार में बहुत उपयोगी है।
आंखों -कान-नीम के बीज में एंटीबैक्टीरियल आंखों और कानों में संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक होता है।
एथलीट्स के पैर : आमतौर पर एथलीट्स के पैरों में फंगल इंफेक्शन बहुत अधिक होता हैं। इसलिए फंगस ट्रीटमेंट के लिए थोड़े से नीम के तेल में थोड़ा सा नारियल का तेल मिलाकर उसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं। ऐसा करने से जल्द ही फायदा मिलेगा।
बढ़ती उम्र : नीम में पाए जाने वाले आॅक्सीकरण तत्व चेहरे में होने वाले परिवर्तनों को रोक देते हैं और इसके तेल के इस्तेमाल से चेहरे की झुर्रियां कम होती है।
दांतों को बनाएं मजबूत: नीम के बीज में दांतों को सफेद बनाने व बैक्टीरिया को खत्म करने के गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा नीम का तेल मसूड़े की सूजन और दांत की सड़न को दूर करने में सहायक होता हैं।