बचपन खिलौनों के बिना अधूरा है। हर बच्चे के अपने खिलौनों के प्रति अलग सा लगाव होता है। वैसे अब तो खिलौनों की भी बहुत सारी वैरायटी मार्किट में उपलब्ध हैं, लेकिन आपके बच्चे के लिए कौन सा खिलौना बेस्ट है, इस बात का फैसला तो आपको ही करना है। खिलौनों की आकर्षक पैकिंग देखकर कई बार हम यह देखना भूल जाते हैं कि कौन सा खिलौना कितनी उम्र के बच्चो के लिए ठीक रहेगा।
खिलौने बच्चों की उम्र के हिसाब के होने चाहिए।
बच्चो के लिए कम आवाज वाले खिलौनों ही लें, क्योकि तेज आवाज वाले खिलौनों से बच्चे की सुनने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता हैं।
खिलौने बैटरी से चलने वाले होने चाहिए। तार से चलने वाले खिलौनों से बच्चों का गला दबने का खतरा बना रहता है।
खिलौनों की जांच करें कि टूटा न हो। अगर लोहे आदि से बना है, तो देखें कही खिलौनों पर जंग तो नहीं लगी है।
छोटे बच्चों के खिलौनों पर लगी आंखें, बटन, कार के पहिए और दूसरे छोटे छोटे सामान चेक करें जो आसानी से निकाले जा सकते हों।
बच्चों को गुब्बारे न दें, क्योकि बच्चे गुब्बारों को मुंह में डाल लेते है।
बैटरी से चलने वाले खिलौने बच्चों को जांच कर दें।
साइकिल, स्केटिंग और स्कूटर हमेशा हैलमेट पहना कर ही चलाने दें।
अपने बड़े बच्चे के खिलौनों से छोटे बच्चे को दूर रखें।
खिलौनों को समय समय पर साफ करते रहे। प्लास्टिक के खिलौने साबुन और पानी से आसानी से साफ किए जा सकते हैं।
खिलौनों के उपर लिखे दिशा निर्देश, आयु सीमा, बचाव व किससे बना है, यह जरुर अच्छे से पढना चाहिए।