बारिश का मौसम आने से पहले ही आप अपने घर की पूर्ण रूप से सुरक्षा ऎसी करें जिससे घर वाटरप्रूफ भी हो और आप भी निश्चिंत रहें। मानसून के आने से पहले ही तैयारी करना हमेशा से ही घरआंगन का हिस्सा रही है, जिस समय रहते पूरा ना करने का मतलब है बारिश के आते ही परेशानियों का सामना करना।
बरसात के मौसम में सब से ज्यादा दुर्घटनाएं बिजली के करंट व उपकरणों से होती है। इससे बचना ज्यादा मुश्किल काम नहीं है। बस सावधानियाँ बरतनी चाहिए घरेलू उपकरणों की सर्विसिंग करा कर ही उन्हें यूज में लें। मिक्सर ग्राइंडर, वाशिंग मशीन, ओवन, गीजर, एअरकंडीशन, पंखे और कूलर आदि में गरमी के मौसत में काफी मात्रा में धूल जमा हो जाती है व जंग लग जाता है। नमी जंग बढाता है इससे बचने के लिए इन्हें साफ रखें। इससे इन उपकरणों की उम्र भी बढती है और उपयोगिता भी।
अपने पेट्स के लिए भी पूरी तैयारी कर लें। अगर घरमें कुत्ता या पक्षी है तो उस पर भी ध्यान दें। पक्षी केपिजरे की सफाई कर उसे सीधी हवा वाली जगह से हटाएं पिंजरें में बुरादा या नमी सोखने वाली कोई दूसरी चीज डालें। कुत्ते के रहने की जगह को साफ करें। उसके खाने के बर्तन भी बदल दें। बारिश में उसके खाने पर फफूंद ना जमे, इस बात का भी विशेष ध्यान रखें। उसे हवा व पानी से बचाएं, बेहतरहोगा पशुचिकित्सक से मिल कर सलाह लें कि और किन बातों का ध्यान रखा जाए।
सभी डब्बों को खाली कर उनके अनाज व मसालों को धूप में सुखाएं। दालों को भी सुखाएं। सूखने पर डब्बों में भर कर एअरटाइट कर रखें ताकि नमी व फफूंद नुकसान ना पहुंचा पाएं, अनाज के डब्बों में फफूंदनाशक नुकसानरहित दवा भी मिलाएं जैसे, पारद टिकिया, नीम की पत्तियां आदि।
बारिश में कई बरसाती कीड़े आ जाते है तो यदि रसोई में कोई छेद हो तो उसे सीमेंट, चूनें या मिट्टी से बंद कर दें। बारिश में कौकरोच केंचुए और दूसरे कीडें उसी में अपना घर बना लेते है। बंद छेद के ऊपर किसी कीटनाशक का छिडकाव करें।
बारिश के दिनों की नमी अनाज व मसालों को सब से ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। अगस्त महीने में डब्बे खोलकर देखने पर पता चलता है कि बेसन फफूंद लग जाता है वहीं चावल के दाने एकदूसरे से चिपक कर गोले का आकार ले चुके हैं, जिन्हें पकाना सम्भव नहीं रहा। यही हाल दालों का हो चुका होता है। अत: बरसात के शुरू होने से पहले ही किचन के सारे काम कर डालें।