29 Mar 2024, 19:11:12 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

रोहन कक्षा पांच में पढ़ता था, उसके स्कूल में सर्दी की छुटि्टयां होने वाली थी। इस बार की छुटि्टयों में रोहन ने अपने चाचाजी के यहां जाने का प्लान बनाया। छुटि्टयां होते ही रोहन के चाचा रोहन को अपने घर ले गए। रोहन जब चाचा के साथ उनके घर पहुंचा तो उनका पालतू डॉग टॉमी भौं-भौं करता हुआ रोहन के पास आ गया। रोहन को कुत्ते बिल्कुल भी पसंद नहीं थे। टॉमी के पास आते ही रोहन ने उसे हट-हट कर अपने पास से भगा दिया। रोहन के चाचाजी ने टॉमी को गोद में उठाया और रोहन से बोले− रोहन! टॉमी बुरा नहीं है, यह तो मुसीबत में हमारे काम आता है और वफादार भी बहुत है, यह पालतू है किसी को काटता भी नहीं है।
 
 
 
रोहन के चाचा रोहन से टॉमी की तारीफ कर रहे थे और टॉमी बार−बार रोहन के पास आने के लिए लपक रहा था। पर, रोहन था कि टॉमी को अपने पास आने से पहले ही दुत्कार देता। रोहन के चाचा ने जब देखा कि रोहन को टॉमी बिल्कुल भी पसंद नहीं है तो उन्होंने टॉमी को घर के बाहर बरामदे में चेन से बांध दिया और रोहन के साथ घर के अंदर आ गए। टॉमी को बंधा देखकर रोहन ने चैन की सांस ली। रोहन की चाची ने खाना टेबल पर लगा दिया था। रोहन ने हाथ−मुंह धोकर अपने चाचाजी और चाची के साथ खाना खाया और फिर वे सभी ड्रइंग रूम में आकर बातें करने लगे।
 
 
 
बातों−बातों में चाचाजी को याद आया कि उनके पास रोहन के लिए एक गिफ्ट था। चाचाजी ने अलमारी से गिफ्ट निकालकर रोहन को दिया और बोले− ''लो रोहन! यह खास गिफ्ट मै तुम्हारे लिए विदेश से लाया था।'' रोहन ने गिफ्ट खोला तो वह आश्चर्यचकित रह गया, गिफ्ट एक रोबोट था।
 
रोहन ने जब रोबोट की गतिविधियां देखीं तो दंग रह गया। यह रोबोट इंसानी संवेदनाओं का समझता था. रोहन के दुरूखी होने पर रोबोट अपनी तरह−तरह की जोकरी हरकतें कर उसे हंसा देता था ओर हंसने पर रोबोट भी ठहाके लगाकर हंसता था। रोहन को गिफ्ट बहुत पसंद आया। कुछ ही दिनों में रोबोट रोहन का अच्छा दोस्त बन गया, रोहन ने उसका नाम 'रोबी' रखा।
 
 
 
एक दिन रोहन के साथ खेलने के लिए चाचाजी के पड़ोस से गोली ओर टिंपू चाचाजी के घर आए। रोहन ने गोली और टिंपू को रोबी से मिलाया। गोली और टिंपू एक नंबर के शैतान बच्चे थे उन्होंने रोबी की खूबियां देखीं तो उनका मन रोबी को अपने साथ ले जाने के लिए ललचा गया। गोली और टिंपू ने आपस में कुछ प्लान बनाया और खुश हो गए। थोड़ी ही देर में गोली रोहन से बोला−''चलो रोहन! अब कॉमिक पढ़ते हैं, तुम्हारे पास कोई अच्छी कॉमिक है क्या?'' रोहन को कॉमिक
बहुत पसंद थी, वह जल्दी से दूसरे कमरे में कॉमिक उठाने के लिए चला गया। जैसे ही रोहन अंदर गया गोली ने टिंपू को इशारा किया और टिंपू तुरंत ही रोबी को लेकर वहां से चंपत हो गया।
 
रोहन जब कॉमिक लेकर बाहर आया तो टिंपू का न देखकर उसने रोहन से पूछा−''टिंपू कहां गया?'' गोली बोला−''टिंपू को कुछ काम था इसलिए वह घर चला गया।'' रोहन और गोली साथ में बैठकर कॉमिक पढने लगे। थोड़ी ही देर में गोली बोला−''चलो, अब मैं भी चलता हूं। और फिर गोली भी घर की ओर चल दिया। गोली के घर के बाहर टिंपू रोबी को लिए गोली का इंतजार करते मिला, रोबी को ले वे अब बहुत खुश थे।
 
इधर रोहन ने जब रोबी को जगह पर नहीं देखा तो वह आवाज लगाकर उसे इधर−उधर खोजने लगा। रोहन की आवाज सुनते ही टॉमी जोर−जोर से भौंकने लगा। रोहन को टॉमी के भौंकने पर बहुत गुस्सा आया वह बोला− टॉमी, चुप रहो, मेरा रोबी नहीं मिल रहा, जरूर तुमने उसे उठाकर यहां−वहां कहीं फेंक दिया होगा। टॉमी ने अब भी अपना भौंकना बंद नहीं किया, टॉमी की लगातार भों-भों सुनकर रोहन उस पर बरस ही पड़ा। रोहन ने पास में पड़े डंडे को उठाया और टॉमी से बोला− ''टॉमी! चुप कर! नहीं तो एक पड़ेगी।'' बेचारा टॉमी चुपचाप पीं-पीं कर एक कोने में दुबककर बैठ गया।
 
तभी रोहन की आवाज सुनकर चाचाजी वहां आ पहुंचे, चाचाजी ने रोहन से पूछा− रोहन बेटे! क्या हुआ, इतने नाराज क्यों हो रहे हो? रोहन बोला− ''चाचाजी, देखो न एक तो रोबी कहीं दिख नही रहा ऊपर से यह टॉमी मुझे परेशान कर रहा है।'' रोहन के चाचाजी ने कहा− ''रोहन, शांत हो जाओ। तुम्हारा रोबी यहीं−कहीं होगा। चलो ढूंढते हैं।'' रोहन के साथ−साथ जब चाचाजी ने भी रोबी को ढूंढना शुरू किया तो टॉमी फिर जोर−जोर से भौकने लगा और चाचाजी के पास आकर उनके इर्द−गिर्द घूमने लगा। रोहन टॉमी को धमकाते हुए बोला− ''ये टॉमी भी न। चाचाजी, आप इसे कहीं और ले जाकर क्यों नहीं छोड़ आते, कबसे अपनी भौं-भौं लगा रखी है इसने।''
 
चाचाजी ने टॉमी की ओर देखा उन्हें लगा कि टॉमी कुछ कहना चाह रहा था। चाचाजी ने रोहन से कहा− रोहन, टॉमी हमसे कुछ कहना चाह रहा है। चाचाजी टॉमी की बात समझते थे। टॉमी घर के दरवाजे तक दौड़−दौड़ कर बार−बार चाचाजी के पास आ रहा था। चाचाजी ने घर का दरवाजा खोल दिया। जब टॉमी बाहर जाने लगा तो चाचाजी भी रोहन को साथ ले टॉमी के पीछे−पीछे चलने लगे। टॉमी चाचाजी और रोहन को टिंपू और गोली के घर तक ले गया। घर के बाहर टिंपू और गोली रोबी के साथ खेलते हुए मिले। चाचाजी, रोहन और टॉमी को एक साथ देख गोली व टिंपू वहां से भागने लगे। टॉमी ने जल्दी से दौड़ते हुए टिंपू की पेंट पकड़ ली और फिर चाचाजी की रोबदार आवाज सुनकर गोली और टिंपू ने डरते हुए रोबी रोहन को वापस दे दिया और माफी मांगने लगे।
 
रोहन सब कुछ देख रहा था। रोबी के मिल जाने से जहां वह बहुत खुश था वहीं टॉमी के साथ किए अपने व्यवहार के लिए दुःखी हो रहा था। रोहन ने टॉमी को अपने पास बुलाया और प्यार से उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए बोला− टॉमी, मैं हमेशा तुम्हें बुरा−भला कहता रहा। डांटता−मारता रहा पर अब मुझे पता चल गया है कि तुम कितने वफादार हो, कितना ख्याल रखते हो हम सबका। टॉमी खुशी से अपनी पूंछ हिलाने लगा। रोहन ने टॉमी को अपनी गोद में उठा लिया। रोहन और टॉमी को प्यार से साथ−साथ देख आज चाचाजी भी बहुत खुश हुए।
 
 
 
 
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »