दुनिया की खोज के समय, जब रेडियो या रडार नहीं होते थे खोज यात्री अपने रास्ते का ध्यान रखने के लिए सूरज, चांद और सितारों की सहायता लेते थे। खोज की लंबी समुद्री यात्राओं में दिशा बताने का काम यही करते थे। सबसे पहले कुतुबनुमे का आविष्कार चीन में 4 हजार साल पहले हुआ, लेकिन यूरोपीय लोग एक हजार साल पहले तक इसके प्रयोग के विषय में कुछ नहीं जानते थे।
पंद्रहवीं शताब्दी के कुछ ऐसे नक्शे मिले हैं जिनमें जिनमें समुद्र तट से संबंधित विषयों को चित्रित किया गया है। इनमें प्रमुख बंदरगाह और समुद्र के असुरक्षित स्थानों को दिखाया गया है। सत्रहवीं शताब्दी में दूरबीन का आविष्कार हुआ। इसकी सहायता बहुत दूर तक देखा जा सकता था। नाविकों को जब आसमान में उड़ते हुए पक्षी दिखाई देते थे तब वे समझ जाते थे कि किनारा पास ही है।