20 Apr 2024, 09:23:04 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

पर्यावरण में हुए बदलावों से कई जीव-जंतु दुनिया से हमेशा के लिए खत्म हो गए। जानवरों के विलुप्त होने का खतरा आज भी है। इनमें से कुछ तो ऐसे हैं, जो बहुत कम बचे हैं। इनके बारे में जानते हैं....
 
 
कछुआ
गलापागोस जाइंट टॉरटॉइज (कछुआ) अब लगभग विलुप्त होने के कगार पर है। 1960 में केवल 15 कछुए ही गलापागोस द्वीप पर जीवित बचे बताए गए थे। तब से वैज्ञानिक इन्हें बचाने का हर संभव प्रयास कर रहे थे। आज इनकी संख्या कुछ हजार तक पहुंची है, लेकिन अभी भी इन्हें रेड लिस्ट में ही डाले रखा है।
 
 
 
हिम तेंदुआ
इसे हिम तेंदुआ भी कहा जाता है। यह बर्फीले इलाके में पाया जाता है। 1972 से ही इसे विलुप्त होने की कगार वाले प्राणियों में रखा गया है। मध्य और दक्षिण एशिया के पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले इस जानवर की जान के दुश्मन इंसान बन गए हैं। दरअसल स्नो लेपर्ड के फर और शरीर के विभिन्न हिस्सों का इस्तेमाल  पारंपरिक दवाइयों को बनाने में किया जाता है। इस वजह से इसका अवैध शिकार हो रहा है। व्हाइट और ग्रे फर के कारण खूबसूरत दिखने वाला यह तेंदुआ काफी लंबी जंप लगा सकता है। भारत में यह हिमालय की तराइयों में पाया जाता है।
 
 
 
इबिस
इबिस की चोंच शुतुरमुर्ग की तरह लंबी होती है। शारीरिक बनावट भी शुतुरमुर्ग से मिलती है, लेकिन इसका रंग भूरा होता है। कंबोडिया, दक्षिण-पूर्व एशिया के जंगलों में पाई जाने वाली यह चिडिया जंगलों के तेजी से खत्म होने की वजह से विलुप्ति के कागार पर पहुंच गई है। दुनियाभर में अब इसकी तादाद केवल 345 ही बची है।
 
 
 
 
जाइंट पांडा
पांडा की प्रजाति में सबसे दुर्लभ माने जाने वाला जाइंट पांडा संकट के दौर से गुजर रहा है। वर्ल्ड कंजर्वेशन यूनियन ने जाइंट पांडा को रेड लिस्ट में रखा है। अभी दुनियाभर में केवल 1600 जाइंट पांडा ही बचे हैं, जिनमें से 300 चीन के चिडियाघर में संरक्षित करके रखे गए हैं। ये पांडा चीन के सिचुआन, सांक्षी और गांसु जैसे पहाड़ी इलाके में पाये जाते हैं। काले रंग के इस पांडा का चेहरा बिल्कुल सफेद होता है। जंगलों की अंधाधुंध कटाई से इनके रहने योग्य जगह की कमी हो रही है, जिससे इनकी संख्या घटती जा रही है।
 
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »