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Lifestyle

बहुत पुरानी है पतंगबाजी की परंपरा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 11 2016 12:51PM | Updated Date: Jan 11 2016 12:51PM
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ग्रीक इतिहासकारों की मानें तो पतंगबाजी का खेल 2500 वर्ष पुराना है, जबकि अधिकतर लोगों का मानना है कि पतंगबाजी के खेल की शुरूआत चीन में हुई थी। चीन में पतंगबाजी का इतिहास दो हजार साल से भी ज्यादा पुराना माना गया है। अधिकांश इतिहासकार पतंगों का जन्म चीन में ही मानते हैं। उनके अनुसार चीन के एक सेनापति हानसीज ने कागज को चौकोर काट कर उन्हें हवा में उड़ाकर अपने सैनिकों को संदेश भेजा और बाद में कई रंगों की पतंगें बनाईं। यह भी कहा जाता है कि दुनिया की पहली पतंग एक चीनी दार्शनिक  ने बनाई थी। 

अहमदाबाद की पतंगबाजी  
 
भारत में पतंगबाजी की परंपरा बहुत पुरानी है। गुजरात की औद्योगिक राजधानी अहमदाबाद की बाद करें तो भारत ही नहीं, यह पूरे विश्व में पतंगबाजी के लिए प्रसिद्ध है। हर वर्ष 14 जनवरी को 'मकर संक्रांति' सूर्य के उत्तरायण होने के अवसर पर यहां अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन होता है, जिसमें अहमदाबाद का आसमान इंद्रधनुषी रंगों से सराबोर हो जाता है। चीन, नीदरलैंड, यूएसए, आॅस्ट्रेलिया, जापान, ब्राजील, इटली और चिली आदि देशों से भी पतंगबाज यहां आती है। यह पतंग महोत्सव 1989 से प्रतिवर्ष मनाया जाता रहा है। यहां एक पतंग म्यूजियम भी बना है।
 
पहले कागज को चौकोर काटकर पतंगें बनाई जाती थीं, किंतु आज एक से बढ़कर एक डिजाइन, आकार, आकृति एवं रंगों वाली भिन्न प्रकार की मोटराइज्ड एवं फाइबर ग्लास पतंगें बाजार में मौजूद हैं, जिन्हें उड़ाने का एहसास अपने आप में अनोखा और सुखद होता है। इन पतंगों की मांग भी बहुत ज्यादा है और ये बहुत आकर्षक भी होती हैं। मलेशिया की वाऊबलांग, इंडोनेशिया की इयांग इन्यांघवे, यूएसए की विशाल वैनर, इटली की वास्तुपरक, जापान की रोक्काकू तथा चीन की ड्रैगन पतंगों की भव्यता लाखों पतंग प्रेमियों को चकित कर देती है।
 
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