यूरेनस अपने सौरमंडल का 7वां ग्रह है, जो बहुत ही ठंडा है। अपनी धरती से 63 गुना बड़ा यह ग्रह अपने छल्ले के कारण बहुत खूबसूरत भी लगता है। आओ जानते हैं इसके बारे में अपने सौरमंडल में सूर्य से सातवें स्थान पर स्थित यूरेनस सबसे ठंडा ग्रह है। इतना ठंडा कि यहां तुम रह नहीं सकते। तुम्हें तो मालूम ही है कि जीवन के लिए सूर्य की सही रोशनी हम तक पहुंचनी चाहिए, जिस तरह हमारी धरती पर पहुंचती है।
लेकिन यूरेनस पर उतनी रोशनी नहीं पहुंच सकती, क्योंकि वह सूर्य से बहुत दूर है। अपनी धरती से सूर्य लगभग 15 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि यूरेनस सूर्य से लगभग 3 अरब किलोमीटर दूर है। यानी सूर्य से धरती जितनी दूर है, उससे 20 गुना अधिक दूर है यूरेनस। आकार में यह तीसरे नम्बर पर है। सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति है और उसके बाद शनि बड़ा ग्रह है, यह हम तुम्हें बता चुके हैं। लेकिन तुम्हें यह जानकर ताज्जुब होगा कि हमारी पृथ्वी से यह 63 गुना बड़ा है।
तुम्हें तो मालूम ही है कि हमारी पृथ्वी लगभग 365 दिनों में सूर्य का एक चक्कर लगा लेती है, जिसे हम एक साल कहते हैं। लेकिन यूरेनस को सूर्य का एक चक्कर लगाने में हमारे 84 साल के बराबर समय लग जाता है। यानी हमारी पृथ्वी सूर्य के 84 चक्कर लगा लेती है, तब यूरेनस सूर्य का एक चक्कर लगा पाता है। क्या तुम बता सकते हो कि इतने बड़े यूरेनस के पास कितने चांद होंगे? पूरे 27 चांद हैं इसके पास। इसके सबसे बड़े चांद यानी उपग्रह का नाम है टाइटेनिया। मिरांडा, एरियल, अम्ब्रियल, ओबोरॉन आदि इनके प्रमुख चांद हैं। 13 मार्च 1781 में इस ग्रह की खोज की जा सकी। इसके पहले इसे टिमटिमाता तारा माना जाता था।