क्या आपको पता है व्हेल संगीतप्रिय ही नहीं स्वयं गाती भी है! और वह भी ऊटपटांग सा नहीं बकायदा उनकी अपनी सरगम के साथ. यदि आप बीच समुद्र में जाएं तो आपको व्हेलों के गीत सुनने को मिल सकते हैं। वैज्ञानिकों ने व्हेल के गीतों को रिकॉर्ड करके उनका बारीकी से अध्ययन किया और संगीतज्ञों को भी सुनवा कर उनकी राय ली। समुद्र के अलग अलग हिस्सों में व्हेलों के गीतों में विविधता भी मिलती है। एक बार कैरेबियन के पास एक व्हेल 22 घंटों तक लगातार गाती रही. उसके गीत को रिकॉर्ड करने वाले शोधकर्ता भी थक कर चले गए पर वह उनके जाने के बाद भी गाती रही. व्हेलों के संसार में सबसे अच्छी गायिकाओं में हंपबैक व्हेल्स मानी गई हैं। उनके पास सरल और जटिल गीतों की कमी नहीं।
जब आप जोश से गा रही व्हेल के आस पास जाकर उसका गीत सुनेंगे तो आप उसके बुलन्द स्वरों से प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे। उसकी आवाज के स्पन्दन आपके मस्तिष्क तक पहुंचते हैं. ध्वनितरंगे आपके अंगों में प्रवाहित हो जाएंगी आपको गीत सुनकर कम और ध्वनि तरंगों के शरीर में बहने से ज्यादा महसूस होगा। व्हेल अकसर अकेला ही गाती है और साथ में धीमी गति में तैरती भी रहती है. व्हेल हमेशा एक ही गीत नहीं गाती। जब वे समुद्र के दूसरे हिस्सों में जाती हैं तो वे आपस में सीखती सिखाती भी हैं। इस तरह हिंद महासागर की व्हेलें प्रशांत महासागर की व्हेलों को गीत सिखाती हैं और प्रशांत महासागर की व्हेलें हिन्द महासागर की व्हेलों को गीत सिखाती हैं। इस तरह कुछ सालों में इनके गीत पूरे बदल जाते हैं। है ना अद्भुत बात!