रमेश मेहरा और विजय सक्सेना गांधी बाग में बैठे हुए क्रिकेट का मैच देख रहे थे। रमेश मेहरा मैच देखने में तत्लीन था पर विजय सक्सेना बार-बार इधर- उधर देख रहा था।
क्या बात है क्यों परेशान हो रहा है? रमेश झुंझलाकर बोला।
में एक निगाह साइकिल पर भी रखे हुए हूं। विजय ने जवाब दिया।
क्यों तुझे डर है की उसे कोई उठाकर ले जाएगा? यहां सब क्रिकेट देखने वाले आते है। कोई चोर उच्चके नही आते रमेश ने भाषण झाड़ा।
मैं भी यही सोचता था लेकिन आधे घंटे पहले तुम्हारी साइकिल चोरी होते देख मुझे मेरी साइकिल की चिंता हो उठी है।