जबलपुर। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने एक दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की अनुमति प्रदान की है। हाईकोर्ट जस्टिस सुजय पॉल ने तीन सदस्यीय मेडिकल रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद गर्भपात की अनुमत्ति प्रदान की है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि गर्भपाल नि:शुल्क किया जाए और भ्रूण का डीएनए सुरक्षित रखा जाए।
जबलपुर निवासी 26 वर्षीय पीड़िता की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि ओमती निवासी अजीत उर्फ अप्पू ने शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ दुष्कृत्य किया। इसके कारण वह गर्भवती हो गई। इस संबंध में उसने अप्पू को जानकारी देते हुए शादी करने की बात कही तो उसने इनकार कर दिया। इसके बाद पीड़िता ने 3 अक्टूबर को अप्पू के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज करवाया। याचिका में कहा गया कि 16 नवंबर की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार 14 सप्ताह का गर्भ है।
मेडिकल टर्मीनेशन आॅफ प्रैग्नेंसी एक्ट के तहत 20 सप्ताह तक के गर्भ का टर्मिनेशन किया जा सकता है। याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता अविवाहित है और गर्भवती होने के कारण उनकी मानसिक व शरीरिक स्थिति पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। याचिका की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मेडिकल कॉलेज के डीन को निर्देशित किया है कि वह पीड़िता की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करे।
कमेटी जांच कर गर्भपात के संबंध में अपनी रिपोर्ट तैयार कर तीन दिनों में कोर्ट में पेश करे। शुक्रवार को डीन द्वारा पेश की गई रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद एकलपीठ ने यह आदेश जारी किया। एकलपीठ ने गर्भपात के लिए तीन दिन का समय दिया है।