जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में आज देवी प्रतिमा विसर्जन को लेकर आयोजन समिति के सदस्यों और पुलिस-प्रशासन के बीच हिंसक टकराव हो गया। स्थानीय मन्नत वाली कालीमाता का विसर्जन नर्मदा नदी में करने से रोकने पर समिति के सदस्यों व पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक टकराव हो गया। आक्रोशित लोगों ने पुलिस के वाहनों में तोड़फोड़ और दोपहिया वाहनों में आग लगाने की कोशिश की। स्थिति को नियंत्रित करने पुलिस को लाठीचार्ज करने के साथ आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। विवाद की स्थिति के बाद पुलिसकर्मियों ने प्रतिमा को अपने नियंत्रण में लेकर विसर्जन कुंड में विसर्जन करवाया।
पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने बताया कि पुलिस ने 40 से अधिक लोगों को अभिरक्षा में लिया है। इस घटना में दस पुलिसकर्मी घायल हुए है। क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। उन्होंने दावा किया कि सभी उपद्रवी शराब के नशे में धुत थे। स्थानीय लटकारी के पड़ाव में रखी जाने वाली काली माता की प्रतिमा शहर में मन्नत वाली काली माता के नाम से प्रसिद्ध है। इस प्रतिमा को हर साल ग्वारीघाट पर विसर्जित किया जाता है। लगभग आठ किलोमीटर की दूरी तय करने में प्रतिमा के विसर्जन जुलूस को लगभग 16 घंटे का समय लगता है। कल दोपहर ये जुलूस शुरु हुआ था, जो आज सुबह ग्वारीघाट पहुंचा।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक प्रतिमा का नदी में विसर्जन रोकने पुलिस ने नर्मदा नदी मार्ग को बैरिकेट व जेसीबी मशीन लगाकर बंद कर दिया था। सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों ने प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए प्रतिमा कुंड में ले जाने की बात कही, लेकिन समिति के सदस्य प्रतिमा विसर्जन नदी में करने की बात पर अड़ गए। इस दौरान दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की शुरू हो गई।